Russia-Ukraine War: विदेश मंत्रालय सलाहकार समिति की मीटिंग में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चीन और पाकिस्तान की रूस से बढ़ती नजदीकियों का मुद्दा उठाया। हालांकि नेता ने कहा कि अभी हमारी प्राथमिकता यूक्रेन (Russia-Ukraine War) से छात्रों को निकालना होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमने काफी देर से मामले पर रिएक्ट किया और भारत सरकार द्वारा जारी की गयी एडवाइजरी काफी असमंजस में डालने वाली थी।
Russia-Ukraine War को लेकर बुलाई गयी थी बैठक
गुरुवार को मीटिंग के बाद कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि यूक्रेन पर आज सुबह विदेश मामलों की सलाहकार समिति की बैठक बहुत अच्छी रही। एक व्यापक ब्रीफिंग दी गयी और हमारे सवालों और चिंताओं के स्पष्ट जवाब के लिए डॉ. एस जयशंकर और उनके सहयोगियों को मेरा धन्यवाद। इसी भावना से विदेश नीति चलनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि हमारे पास कई बिंदु थे। यह एक अच्छी बैठक थी। हम सब एक हैं। शशि थरूर ने कहा, “6 राजनीतिक दलों के नौ सांसदों ने मीटिंग में हिस्सा लिया। कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी, आनंद शर्मा और मैं मौजूद थे। एक सौहार्दपूर्ण माहौल में बढ़िया चर्चा हुई, जब राष्ट्रीय हितों की बात आती है तो हम सभी भारतीय हैं।”
बता दें कि रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के बीच यूक्रेन को जर्मनी 2,700 एंटी एयर मिसाइलें देगा। गौरतलब है कि यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध का असर कच्चे तेल की कीमतों पर दिखने लगा है। ब्रेंट क्रूड 117 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर है और इस हफ्ते लगभग 20% महंगा है, जबकि कोयले से लेकर प्राकृतिक गैस और एल्युमीनियम तक सब कुछ महंगा हो गया है क्योंकि पश्चिमी देशों ने रूस पर प्रतिबंध कड़े कर दिए हैं।
इस बीच आज भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने कहा, “हमें यूक्रेन में फंसे छात्रों के साथ सहानुभूति है, हमें बहुत बुरा लग रहा है। लेकिन क्या हम रूस के राष्ट्रपति पुतिन को युद्ध रोकने का निर्देश दे सकते हैं?”
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