Raj Thackeray: महाराष्ट्र में लाउडस्पीकर विवाद को लेकर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे (Raj Thackeray) की मुश्किलें बढ़ती दिखाई दे रही है। मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने को लेकर महाराष्ट्र सरकार को अल्टीमेटम दे चुके राज ठाकरे कभी भी गिरफ्तार हो सकते हैं।
औरंगाबाद में हुई मनसे की रैली में कथित विवादित भाषण को लेकर उनके खिलाफ औरंगाबाद के सिटी पुलिस स्टेशन में केस दर्ज हुआ है। महाराष्ट्र के पुलिस प्रमुख (DGP) रजनीश सेठ ने मंगलवार को इस बात की जानकारी दी है। रजनीश सेठ ने बताया कि 13,000 से अधिक लोगों के खिलाफ दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 149 (संज्ञेय अपराधों को रोकना) के तहत नोटिस जारी किए गए हैं।
Raj Thackeray पर 2008 में दर्ज हुए केस पर जारी हुआ गैर-जमानती वारंट
वहीं दूसरी तरफ राज ठाकरे पर 6 अप्रैल को सांगली के शिराला में मजिस्ट्रेट कोर्ट ने 2008 के एक मामले के संबंध में आईपीसी की धारा 143, 109, 117, 7 और बॉम्बे पुलिस अधिनियम के 135 के तहत गैर-जमानती वारंट जारी किया था। कोर्ट ने मुबंई पुलिस को मनसे प्रमुख को गिरफ्तार करने का आदेश दिया था। इसके बावजूद, मुंबई पुलिस ने अभी तक उन्हें गिरफ्तार नहीं किया है।
2008 का क्या है मामला?
मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक मनसे के कार्यकर्ताओं ने राज ठाकरे के समर्थन में राज्य परिवहन महामंडल (एसटी) की बसों पर पत्थरबाजी की थी। रेलवे भर्ती को लेकर यह विवाद हुआ था। रेलवे में क्षेत्रीय युवाओं(प्रांतीय युवाओं) की भर्ती नहीं करने के चलते विरोध किया गया था। जिसके बाद राज ठाकरे को 2008 में गिरफ्तार भी किया गया था।
ठाकरे की गिरफ्तारी के बाद मनसे के कार्यकर्ताओं ने राज्य में कई जगहों पर विरोध किया था। इसके बाद जब राज ठाकरे जमानत पर बाहर आए तो कोर्ट द्वारा राज ठाकरे को अक्सर पेश होने के लिए कहा जाता था। हालांकि, राज ठाकरे किसी भी सुनवाई में शामिल नहीं हुए। जमानत के बावजूद लगातार तारीखों पर हाजिर नहीं होने पर अब ठाकरे पर गैर जमानती वारंट जारी किया गया।
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