गुजरात चुनाव की सियासी गर्मी थमने का नाम नहीं ले रही है और थमेगी भी कैसे? चुनाव प्रचार के आखरी दिन भी विपक्ष का वार भाजपा पर लगातार जारी है। गुरूवार सुबह कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भाजपा पर निशाना साधते हुए ट्विटर के जरिए अपना नौंवा सवाल पूछा। अपने इस सवाल में राहुल ने पीएम मोदी को किसान विरोधी बताया। उनका कहना था, मोदी जी अपने सभी वादों से मुकर चुके हैं। न अबतक कर्जमाफी की गई है और न ही फसल का सही दाम दिया गया है।
22 सालों का हिसाब#गुजरात_मांगे_जवाब
— Office of RG (@OfficeOfRG) December 7, 2017
प्रधानमंत्रीजी- 9वाँ सवाल:
न की कर्ज़ माफ़ी
न दिया फसल का सही दाम
मिली नहीं फसल बीमा राशि
न हुआ ट्यूबवेल का इंतजाम
खेती पर गब्बर सिंह की मार
छीनी जमीन, अन्नदाता को किया बेकार
PM साहब बतायें, खेडुत के साथ क्यों इतना सौतेला व्यवहार?
चलिए एक नजर डालते हैं राहुल गांधी द्वारा पूछे गए अब तक के 8 सवालों पर-
पहला सवाल: अपने पहले सवाल में राहुल गांधी ने पीएम मोदी से पूछा-कहां गए भाजपा के वो वादें, जिनमें 50 लाख नए घर देने का सपना दिखाया गया था।
22 सालों का हिसाब,
— Office of RG (@OfficeOfRG) November 29, 2017
गुजरात मांगे जवाब।
गुजरात के हालात पर प्रधानमंत्रीजी से पहला सवाल:
2012 में वादा किया कि 50 लाख नए घर देंगे।
5 साल में बनाए 4.72 लाख घर।
प्रधानमंत्रीजी बताइए कि क्या ये वादा पूरा होने में 45 साल और लगेंगे?
दूसरा सवाल: दूसरे सवाल के जरिए राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर वित्तीय कुप्रबंधन का आरोप लगाया। साथ ही ये भी कहा-कि मोदी के गलत कार्यशैली की सजा गुजरातवासी क्यों भुगते।
22 सालों का हिसाब,#गुजरात_मांगे_जवाब
— Office of RG (@OfficeOfRG) November 30, 2017
गुजरात के हालात पर प्रधानमंत्रीजी से दूसरा सवाल:
1995 में गुजरात पर क़र्ज़-9,183 करोड़।
2017 में गुजरात पर क़र्ज़-2,41,000 करोड़।
यानी हर गुजराती पर ₹37,000 क़र्ज़।
आपके वित्तीय कुप्रबन्धन व पब्लिसिटी की सज़ा गुजरात की जनता क्यों चुकाए?
तीसरा सवाल: इस सवाल के जरिए राहुल ने पीएम मोदी पर जनता की कमाई लुटाने का आरोप लगाया।
22 सालों का हिसाब,#गुजरात_मांगे_जवाब
— Office of RG (@OfficeOfRG) December 1, 2017
प्रधानमंत्रीजी से तीसरा सवाल:
2002-16 के बीच ₹62,549 Cr की बिजली ख़रीद कर 4 निजी कंपनियों की जेब क्यों भरी?
सरकारी बिजली कारख़ानों की क्षमता 62% घटाई पर निजी कम्पनी से ₹3/ यूनिट की बिजली ₹24 तक क्यों ख़रीदी?
जनता की कमाई, क्यों लुटाई?
चौथा सवाल: इस सवाल में राहुल गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी पर न्यू इंडिया सपने को तोड़ने का आरोप लगाया।
22 सालों का हिसाब#गुजरात_मांगे_जवाब
— Office of RG (@OfficeOfRG) December 2, 2017
प्रधानमंत्रीजी- चौथा सवाल
सरकारी स्कूल-कॉलेज की कीमत पर
किया शिक्षा का व्यापार
महँगी फ़ीस से पड़ी हर छात्र पर मार
New India का सपना कैसे होगा साकार?
सरकारी शिक्षा पर खर्च में गुजरात देश में 26वें स्थान पर क्यों? युवाओं ने क्या गलती की है?
पांचवा सवाल: 5वें सवाल में राहुल ने कहा, पीएम मोदी ने महिलाओं से किए गए अपने किसी भी वादे पर अम्ल नहीं किया।
22 सालों का हिसाब,#गुजरात_मांगे_जवाब
— Office of RG (@OfficeOfRG) December 3, 2017
प्रधानमंत्रीजी- 5वाँ सवाल:
न सुरक्षा, न शिक्षा, न पोषण,
महिलाओं को मिला तो सिर्फ़ शोषण,
आंगनवाड़ी वर्कर और आशा,
सबको दी बस निराशा।
गुजरात की बहनों से किया सिर्फ़ वादा,
पूरा करने का कभी नहीं था इरादा। pic.twitter.com/yXvCRbxsXW
छठा सवाल: इस सवाल के जरिए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने पीएम मोदी को लाखों युवाओं के बेरोजगार होने का जिम्मेदार ठहराया।
22 सालों का हिसाब#गुजरात_मांगे_जवाब
— Office of RG (@OfficeOfRG) December 4, 2017
प्रधानमंत्रीजी- 6ठा सवाल:
भाजपा की दोहरी मार
एक तरफ युवा बेरोजगार
दूसरी तरफ़ लाखों
फिक्स पगार और कांट्रैक्ट कर्मचारी बेज़ार
7वें वेतन आयोग में ₹18000 मासिक होने के बावजूद फिक्स और कांट्रैक्ट पगार ₹5500 और ₹10000 क्यों? pic.twitter.com/KngeBgLlVp
सांतवा सवाल: इस सवाल को बड़े ही अनोखे शायराना अंदाज में पूछा गया। जिसमें राहुल ने भाजपा को गरीब विरोधी करार दिया।
22 सालों का हिसाब#गुजरात_मांगे_जवाब
— Office of RG (@OfficeOfRG) December 5, 2017
प्रधानमंत्रीजी-7वाँ सवाल:
जुमलों की बेवफाई मार गई
नोटबंदी की लुटाई मार गई
GST सारी कमाई मार गई
बाकी कुछ बचा तो -
महंगाई मार गई
बढ़ते दामों से जीना दुश्वार
बस अमीरों की होगी भाजपा सरकार? pic.twitter.com/1S8Yt0nI7B
आंठवा सवाल: इस सवाल के जरिए राहुल गांधी ने जनता की नजर देश के उन कुपोषण से ग्रस्त बच्चों की ओर आकर्षित कराना चाही, जो हर साल चिकित्सा के अभाव में अपनी जान गंवाने को मजबूर हो जाते हैं।
22 सालों का हिसाब#गुजरात_मांगे_जवाब
— Office of RG (@OfficeOfRG) December 6, 2017
प्रधानमंत्रीजी-8वाँ सवाल:
39% बच्चे कुपोषण से बेज़ार
हर 1000 में 33 नवजात मौत के शिकार
चिकित्सा के बढ़ते हुए भाव
डाक्टरों का घोर अभाव
भुज में 'मित्र' को 99 साल के लिए दिया सरकारी अस्पताल
क्या यही है आपके स्वास्थ्य प्रबंध का कमाल?