44,762 करोड़ रुपये के खर्च के साथ PM Garib Kalyan योजना को तीन महीने के लिए बढ़ाया गया, जानिए क्या है ये पूरी योजना

PM Garib Kalyan को सबसे पहले मार्च 2020 में लगाये कोरोना लॉकडाउन के बाद शुरु किया गया था. योजना को पहले चरण में 3 महीनों यानी अप्रैल से जून 2020 के बीच लागू किया गया था. अब तक इस योजना के 6 चरण हो चुके हैं.

0
139
44,762 करोड़ रुपये के खर्च के साथ PM Garib Kalyan योजना को तीन महीने के लिए बढ़ाया गया, जानिए क्या है ये पूरी योजना - APN News
PM Garib Kalyan Yojana

केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (Prime Minister Garib Kalyan Anna Yojana- PM Garib Kalyan) के तहत देश 80 करोड़ लोगों को मिलने वाले राशन को तीन महीन ओर आगे बढ़ाने का फैसला लिया है. यानी अब ये योजना अगले तीन महीनों (अक्टूबर से दिसंबर 2022) तक जारी रहेगी.

बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में PM Garib Kalyan योजना के बारे में फैसला लिया गया जिसकी जानकारी केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने दी.

बैठक के बाद जारी किए गए दस्तावेज में बताया गया है कि तीन महीने योजना बढ़ाने से राजस्व खाते पर 44,762 करोड़ रुपये का भार आएगा. योजना को लेकर वित्त मंत्रालय का सुझाव था कि इसमें दिए जाने वाले अन्न की मात्रा में कटौती की जाए, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. बता दें कि इस योजना को कोरोना संकट के दौरान जारी किया गया था.

हांलाकि विरोधी दलों के लोग इस योजना के आगे बढ़ाने को लेकर बोल रहे हैं कि ये साल के अंत में प्रस्तावित गुजरात और हिमाचल चुनावों को ध्यान में रखकर बढ़ाया जा रहा है.

ये भी पढ़े – आतंकवाद फैलाने समेत कई आरोपों में PFI और इसके सहयोगी संगठनों पर पांच साल का बैन, जानिए क्या है पीएफआई और कैसे बन गया ये इतना बड़ा संगठन

क्या है प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना?

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की एक बड़ी ओर महत्वाकांक्षी योजना है. योजना के तहत देश में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन दिया जाता है. कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन के दौरान लोगों को भोजन उपलब्ध कराने के मकसद से मोदी सरकार ये योजना लेकर आई थी. केंद्र सरकार की इस योजना के तहत 5 किलो मुफ्त चावल या गेंहू, 1 किलो चना 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को दिया जाता है.

पीएम गरीब कल्याण योजना PM Garib Kalyan को सबसे पहले मार्च 2020 में लगाये कोरोना लॉकडाउन के बाद शुरु किया गया था. योजना को पहले चरण में 3 महीनों यानी अप्रैल से जून 2020 के बीच लागू किया गया था. अब तक इस योजना के 6 चरण हो चुके हैं.

Garib Kalyan

‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना’ को कोविड-19 के बाद उत्पन्न हुई परिस्थितियों से निपटने में गरीब और संवेदनशील वर्ग की सहायता करने के लिये ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज’ (Prime Minister Garib Kalyan Package) के हिस्से के रूप में शुरू किया गया था. केंद्रीय वित्त मंत्रालय इसका नोडल मंत्रालय है.

ये भी पढ़े – स्मार्टफोन में अब अमेरीकन GPS की जगह होगा भारतीय NavIC, जानिए नाविक के बारे में और क्यों पड़ी इसकी जरूरत

खर्च

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना’ 6 चरणों में अबतक भारत सरकार 3 लाख 45 हजार करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है. योजना के सातवें चरण पर 44 हजार 762 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है.

एक देश एक राशन कार्ड

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत एक देश एक राशन कार्ड योजना को लागू किया गया है. एक देश एक राशन कार्ड योजना के तहत प्रवासी राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (Migratory National Food Security Act- NFSA), 2013 के लाभार्थी देश में कहीं भी अपनी पसंद के किसी भी उचित मूल्य की दुकान (Fair Price Shop- FPS) से अपने हिस्से का अनाज ले सकते हैं.

एक देश एक राशन कार्ड योजना को अगस्त 2019 में शुरू किया गया था.

ये भी पढ़े – शिवसेना के उद्धव और शिंदे गुट के मामले की Constitutional Bench कर रही है सुनवाई, जानिए संविधान पीठ के बारे में और क्यों किया जाता है इसका गठन

पोषण

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (National Family Health Survey-NFHS)-5 के अनुसार, भारत में पिछले कुछ वर्षों में मामूली सुधार के बावजूद, बौनापन के मामले बड़ी संख्या में देखे गए हैं, इसके पिछे सबसे बड़ा कारण समय पर भोजन न मिलना माना जाता है. वर्ष 2019-21 में पांच वर्ष से कम उम्र के 35.5 फीसदी बच्चे स्टंटिंग से पीड़ित थे और 32.1 फीसदी कम वजन के थे.

ये भी पढ़े – इटली के बहुप्रतीक्षित चुनावों में Giorgia Meloni की जीत, जानिए मेलोनी के बारे में और क्यों इनके बारे में हो रही है इतनी ज्यादा चर्चा

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम – National Food Security Act-2013

10 सितंबर, 2013 को अधिसूचित भारतीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम का उद्देश्य गरिमापूर्ण जीवन जीने के लिये लोगों को कम मूल्‍यों पर अच्‍छी गुणवत्तापूर्ण खाद्यान्‍न उपलब्‍ध कराते हुए उन्‍हें खाद्य और पोषण सुरक्षा प्रदान करना है. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम समग्र तौर पर देश की कुल आबादी के 67 फीसदी हिस्से को कवर करता है.

इस लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (Targeted Public Distribution System) के तहत भारत की 75 फीसदी ग्रामीण आबादी और देश की 50 फीसदी शहरी आबादी को रियायती दर पर खाद्यान्न उपलब्ध कराना.

क्या है पात्रता की शर्तें

राज्य सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार, लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (TPDS) के तहत आने वाले प्राथमिकता वाले परिवार ओर अंत्योदय अन्न योजना के तहत कवर किये गए परिवार शामिल हैं.

NFSA के तहत प्रावधान

NFSA के तहत योजना के तहत आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को 5 किलोग्राम खाद्यान्न, जिसमें चावल 3 रुपए किलो, गेंहूं 2 रुपए किलो और मोटा अनाज 1 रुपए किलो प्रदान करना है.

योजना के तहत गर्भवती महिलाओं और स्‍तनपान कराने वाली माताओं को गर्भावस्‍था के दौरान तथा बच्चे के जन्‍म के 6 महीने बाद तक भोजन के अलावा कम-से-कम 6,000 रुपए का मातृत्‍व लाभ प्रदान किये जाने का प्रावधान है. इसके साथ ही 14 वर्ष तक के बच्चों के लिये भोजन का भी प्रावधान है.

योजना के तहत खाद्यान्न या भोजन न मिलने की स्थिति में लाभार्थियों को खाद्य सुरक्षा भत्ता दिया जाता है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here