Parliament Winter Session 2022: मोदी सरकार ने 7 दिसंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र के लिए लगभग सभी तैयारी पूरी कर ली है। सत्र में बहु-राज्य सहकारी समितियों में जवाबदेही बढ़ाने और चुनावी प्रक्रिया में सुधार करने वाले बिल समेत 16 नए बिल पेश करने की योजना बनाई गई है। जानकारी के मुताबिक, संसद का शीतकालीन सत्र पुराने भवन में शुरू होगा। करीब 1,200 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से तैयार हो रहे नए भवन का दिसंबर की शुरुआत में प्रतीकात्मक उद्घाटन किया जा सकता है।
शीतकालीन सत्र आमतौर पर नवंबर के तीसरे सप्ताह में शुरु होता है। सत्र के दौरान करीब 20 बैठकें होती हैं। हालांकि, 2017 और 2018 में सत्र का आयोजन दिसंबर में किया गया था। इस बार भी सत्र दिसंबर में शुरू हो रही है। आइए जानते हैं कि मोदी सरकार इस सत्र में कौन-कौन से बिल पेश कर सकती है।
Parliament Winter Session 2022: इन बिलों को पेश करने की तैयारी में मोदी सरकार
बता दें कि आगामी सत्र में ‘राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग विधेयक’ भी पेश किए जाने की संभावना है। इस विधेयक में राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग की स्थापना और दंत चिकित्सक कानून, 1948 को निरस्त करने का प्रस्ताव है। सूत्रों के हवाले से खबर आई है कि सरकार राष्ट्रीय नर्सिंग आयोग संबंधी विधेयक भी पेश कर सकती है। इसमें राष्ट्रीय नर्सिंग आयोग (NNMC) स्थापित करने एवं भारतीय नर्सिंग परिषद कानून 1947 को निरस्त करने का प्रस्ताव है।
गुरुवार को जारी लोकसभा बुलेटिन के अनुसार, बहु-राज्यीय सहकारी समितियां (संशोधन) विधेयक, 2022 को सहकारी समितियों में शासन को मजबूत करने, पारदर्शिता व जवाबदेही बढ़ाने और चुनावी प्रक्रिया में सुधार के उद्देश्य से पेश किया जा रहा है। इसका उद्देश्य निगरानी तंत्र में सुधार करना और बहु-राज्य सहकारी समितियों के लिए व्यापार करने में आसानी सुनिश्चित करना है।
छावनी विधेयक, 2022, एक और मसौदा कानून है जिसे सरकार 29 दिसंबर को समाप्त होने वाले सत्र में ला सकती है। यह देश भर में नगर पालिकाओं के साथ संरेखण में अधिक से अधिक विकासात्मक उद्देश्यों को प्राप्त करना चाहता है। विधेयक का आशय छावनियों में जीवन को सुगम बनाना भी है। सूची में एक और विधेयक पुराना अनुदान (विनियमन) विधेयक, 2022 है।
विधेयक का उद्देश्य 1836, 1827, 1838, 1849 और 1851 के गवर्नर जनरल आदेश के तहत दी गई भूमि को उनके हस्तांतरण, उपखंड और उद्देश्य परिवर्तन सहित विनियमित करना है। इस विधेयक का उद्देश्य भूमि पर सरकारी अधिकारों की प्रभावी सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए जीवनयापन को आसान बनाना है।
वन (संरक्षण) संशोधन अधिनियम, 1980 में भी संशोधन की संभावना है। यह अधिनियम के प्रावधानों की प्रयोज्यता में अस्पष्टता को दूर करने, गैर-वन क्षेत्रों में वृक्षारोपण को बढ़ावा देने और वनों के संरक्षण की भी परिकल्पना करता है।
तटीय जलीय कृषि प्राधिकरण (संशोधन) विधेयक, 2022, जिसे सरकार लाने की तैयारी में है। यह अधिनियम के तहत “अपराधों” को कम करने और सभी तटीय जलीय कृषि गतिविधियों को इसके दायरे में लाने के लिए कानून के दायरे का विस्तार करने का भी प्रस्ताव करता है। इसका उद्देश्य प्रभावी कार्यान्वयन के लिए अधिनियम में कठिनाइयों और विनियामक अंतराल को दूर करना और व्यापार करने में आसानी की सुविधा प्रदान करना भी है।
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