राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज संसद से संयुक्त सत्र को संबोधित किया। पहली बार नई संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित कर रहीं राष्ट्रपति ने कहा कि यह नई इमारत ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ का एहसास कराती है। उन्होंने लगभग 74 मिनट के भाषण में चंद्रयान-तीन, नारी शक्ति वंदन कानून और अयोध्या के राम मंदिर समेत तमाम सरकारी परियोजनाओं का जिक्र किया और देश में बीते 10 साल की अवधि में हुए कामकाज का विस्तार से जिक्र किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने अभिभाषण में अयोध्या के राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का जिक्र किया। इस पर सदन में मौजूद सदस्यों ने मेज थपथपाकर बयान का स्वागत किया।
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव दो फरवरी को पेश किया जाएगा। दो फरवरी से दोनों सदनों में चर्चा शुरू होगी। सात फरवरी को प्रधानमंत्री धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देंगे। इससे पहले एक फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अंतरिम या लेखा अनुदान बजट लोकसभा में पेश करेंगी।
विकसित हो रहा भारत
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि दुनिया में गंभीर संकटों के बावजूद भारत तेजी के साथ विकसित हो रहा है। मेरी सरकार कई महत्वपूर्ण विधेयक लेकर आई है। ये कानून विकसित भारत की सिद्धि की मजबूत पहल हैं। क्रिमनल जस्टिस सिस्टम अब इतिहास बन गया है। उन्होंने कहा कि 25 करोड़ भारतीय गरीबी रेखा से बाहर आए हैं। तीन तलाक के खिलाफ सरकार ने कड़े कानून बनाए हैं। भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर झंडा फहराने वाला पहला देश बना है और G20 की सफलता ने पूरी दुनिया में भारत की भूमिका को सशक्त किया है।
सरकार की आर्थिक नीति की तारीफ
राष्ट्रपति ने सरकार की आर्थिक नीति (महंगाई, विकास दर, डिजिलॉकर) की जमकर तारीफ की है। उन्होंने कहा कि दूसरी तिमाही में देश की विकास दर 7.5 फीसदी रही है। महंगाई काबू में रही है और लोगों पर इसका बोझ नहीं बढ़ा है।
अयोध्या और राम मंदिर का किया जिक्र
इससे पहले राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में देश की रक्षा, विदेश और आर्थिक नीतियों का जिक्र किया। उन्होंने नारी शक्ति वंदन अधिनियम का जिक्र करते हुए कहा, सरकार विधायिका में आधी आबादी का प्रतिनिधित्व बढ़ाने के लिए संकल्पबद्ध है। उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर का जिक्र करते हुए कहा, राम मंदिर के निर्माण की आकांक्षा सदियों से थी जो अब पूरी हुई है। बता दें कि उत्तर प्रदेश के अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा का समारोह गत 22 जनवरी को हुआ। पीएम मोदी ने राम लला की उत्सव मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा की। इस मौके पर देश-विदेश के लगभग आठ हजार मेहमान विशिष्ट अतिथि के तौर पर मौजूद रहे।
जम्मू-कश्मीर, महिला आरक्षण और आर्थिक नीतियों पर की बातें
अभिभाषण में राष्ट्रपति मुर्मू ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी किए जाने, औपनिवेशिक आपराधिक कानूनों के स्थान पर नए कानून बनाए जाने, नारी वंदन अधिनियम और सरकार के कई अन्य कदमों का उल्लेख किया। उन्होंने ने कहा कि दुनिया भर में गंभीर संकटों के बीच भारत सबसे तेजी से विकसित हो रही अर्थव्यवस्था है और लगातार पिछली दो तिमाही में देश की विकास दर साढ़े सात प्रतिशत रही।
आजादी की 100वीं वर्षगांठ का जिक्र
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत ने बीते एक दशक के दौरान वैश्विक विवादों और संघर्षों के इस दौर में भी, अपने हितों को मजबूती से दुनिया के सामने रखा है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2047 में आजादी की 100वीं वर्षगांठ को देखने के लिए अनेक साथी इस सदन में मौजूद नहीं होंगे, लेकिन हमारी विरासत ऐसी होनी चाहिए कि तब की पीढ़ी हमें याद करे।