Narendra Giri Death Case: सुसाइड नोट के हस्ताक्षर का बैंक सिग्नेचर से हुआ मिलान, आनंद गिरि की कॉल डिटेल खंगाल रही है CBI

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नरेंद्र गिरि प्रयागराज में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और बाघम्बरी गद्दी के महंत थे।

Narendra Giri Death Case: महंत नरेंद्र गिरि (Naredra Giri) के सुसाइड नोट में मिले सिग्नेचर का बैंक रिकॉर्ड में दर्ज सिग्नेचर से मिलान कर लिया गया है। अब मामले की जांच कर रही सीबीआई ने सुसाइट नोट की फॉरेंसिक रिपोर्ट और फिंगरप्रिंट की रिपोर्ट मांगी है। बता दें कि नरेंद्र गिरि प्रयागराज में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और बाघम्बरी गद्दी के महंत थे। वहीं जांच एजेंसी आनंद गिरि का लाइ डिटेक्ट टेस्ट करानी चाहती है जिसके लिए उसने अदालत से मंजूरी मांगी है। मालूम हो कि अदालत की मर्जी के बिना लाइ डिटेक्ट टेस्ट नहीं किया जाता है।

वहीं जांच एजेंसी बाघम्बरी मठ के सेवादारों और नरेंद्र गिरि के करीबी संतों से पूछताछ भी कर रही है। सूत्रों ने बताया कि पैसों के लेनदेन और मठ से जुड़े भूमि विवाद के संबंध में जानकारी इकट्ठा की जा रही है। यही नहीं, महंत नरेंद्र गिरि और आनंद गिरि के कॉल रिकॉर्ड भी खंगाले जा रहे हैं। इससे पहले स्वामी आनंद गिरि और दो अन्य को सीबीआई ने हिरासत में ले लिया था। सीबीआई ने प्रयागराज के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के आदेश के तहत बड़े हनुमान मंदिर के पुजारी आद्या तिवारी और उनके बेटे संदीप सहित तीन आरोपियों को हिरासत में लिया।

प्रयागराज सीजेएम हरेंद्र नाथ ने तीनों को सीबीआई हिरासत में भेज दिया था। इस बीच, एक महिला वकील ने इलाहाबाद हाई कोर्ट का रुख किया, जिसमें अखाड़ा परिषद प्रमुख द्वारा कथित आत्महत्या के मामले में सीबीआई जांच की निगरानी की मांग की गई थी। वकील शहर नकवी ने कहा कि यदि हाई कोर्ट सीबीआई जांच की निगरानी करने का फैसला करता है और जांच के विभिन्न पहलुओं पर एजेंसी को निर्देश देता रहता है, तो इसके परिणामस्वरूप एक त्वरित जांच होगी।

उसने कहा कि उसने एक जनहित याचिका के रूप में इसे मानने के अनुरोध के साथ अदालत में एक ई-मेल के माध्यम से याचिका दायर की है। वकील ने कहा कि लाखों लोगों की आस्था अखाड़ा परिषद से जुड़ी हुई है और अगर सीबीआई जांच हाई कोर्ट की निगरानी में की जाती है तो इससे जांच रिपोर्ट में विश्वसनीयता आएगी।

बता दें कि नरेंद्र गिरि 20 सितंबर को जॉर्ज टाउन थाना क्षेत्र के श्री बाघंबरी गद्दी स्थित अपने कमरे में मृत पाए गए थे। साधु ने अपने सुसाइड नोट में मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था, जिसके बाद पुलिस ने आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में भारतीय दंड संहिता की धारा 306 के तहत एफआईआर दर्ज की थी।

उत्तर प्रदेश पुलिस ने अखाड़ा परिषद प्रमुख के अपने कमरे में मृत पाए जाने के अगले ही दिन 21 सितंबर को आनंद गिरी और आद्या तिवारी को गिरफ्तार कर लिया था। तीसरे आरोपी और तिवारी के बेटे संदीप को 22 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था और गिरफ्तारी के बाद तीनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। सीबीआई ने उत्तर प्रदेश सरकार की सिफारिश पर मामले की जांच की है।

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