“पता था अंजलि कार के नीचे फंसी है, फिर भी नहीं…”, कंझावला केस में आरोपियों का कबूलनामा

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Kanjhawala Case
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Kanjhawala Case: कंझावला मामले में अब तक का सबसे बड़ा खुलासा हुआ है। दरअसल, आरोपियों ने पुलिस को बताया कि उसे पता था कि कार के नीचे अंजलि फंसी है। लेकिन डर के मारे वो गाड़ी चलाते रहे। पुलिस ने कहा कि आरोपियों को पता था कि अगर उन्होंने कार रोकी और महिला को बचाया तो उनके खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया जाएगा। आरोपियों ने बताया कि वे बेहद डर गए थे इसलिए गाड़ी चलाते रहे। उन्होंने पुलिस को बताया कि गाड़ी में तेज म्यूजिक की जो कहानी पहले बताई थी वो झूठी थी। बता दें इस गंभीर मामले में दीपक खन्ना, अमित खन्ना,कृष्ण, मिथुन, मनोज मित्तल, आशुतोष और अंकुश को आरोपी बनाया गया है। इसमें से छह पुलिस हिरासत में हैं जबकि एक को जमानत मिल गई है।

Kanjhawala Case: अब तक की कहानी

बता दें कि मामले में अब तक जो तस्वीर साफ हुई है उसके मुताबिक अंजलि शाम को ही घर से निकली थी और अपनी मां से कहा था कि वह देर रात लौटेगी। आखिरी बार उसकी मां से बात रात 8 बजकर 29 मिनट पर हुई थी। होटल के फुटेज में दिख रहा है कि अंजलि किसी दूसरी लड़की के साथ ओयो होटल गई थी। सीसीटीवी फुटेज और होटल स्टाफ के मुताबिक दोनों के बीच कुछ कहासुनी हुई थी। फुटेज में लड़कियां रात 1 बजकर 32 मिनट पर ओयो होटल से निकलती दिख रही हैं। रात करीब दो बजे दुर्घटनास्थल के पास अंजलि व एक अन्य युवती स्कूटी पर नजर आ रही है।

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सीसीटीवी फुटेज में आरोपी वाहन को कंझावला से जौनता गांव की ओर ले जाते दिख रहे हैं। फुटेज में संदिग्ध बलेनो कार यू-टर्न लेती नजर आ रही है। अब उसके नीचे कुछ दिखाई दे रहा था। कुछ देर बाद कंझावला पुलिस को लड़की की लाश सड़क पर मिलने की सूचना मिलती है। वहीं पुलिस को कार रोहिणी के सेक्टर-1 की पार्किंग में खड़ी मिलती है। पुलिस टीम कार को पार्किंग में लेकर पहुंची। एफएसएल की टीम मौके पर पहुंचती है और कार से फॉरेंसिक साक्ष्य जुटाती है। पुलिस की टीम आस-पास के इलाके में बहुत जांच-परख करती है। FIR के मुताबिक, घटना सुल्तानपुरी थाने के कृष्णा विहार इलाके की है। वहां कई ऐसे चश्मदीद मिले जिन्होंने पुलिस को वहां से स्कूटी उठाते हुए देखा था। लोगों ने एक जगह स्कूटी जैसी चीज के कुछ टुकड़े भी पड़े देखे। दुर्घटनास्थल सुल्तानपुरी थाने से 900 मीटर दूर है।

पुलिस की थ्योरी

शुरुआत में कहा गया कि न तो कोई सीसीटीवी फुटेज है और न ही घटना का कोई चश्मदीद। लेकिन बाद में जांचकर्ताओं ने कैमरों के फुटेज की जांच की। अलग-अलग सीसीटीवी का टाइम स्टैंप अलग-अलग था। चूंकि सभी सीसीटीवी का टाइम स्टैम्प अलग-अलग होता है और समय आगे-पीछे होता है, इसलिए फुटेज के टाइम स्टैम्प के आधार पर निश्चित तौर पर यह नहीं कहा जा सकता कि हादसा कब और कहां हुआ।

हादसे के ठीक पहले और बाद की सीसीटीवी फुटेज है जिसमें दो लड़कियां स्कूटी पर और एक बलेनो कार वहां से निकलती दिख रही है। लेकिन ऐसा कोई फुटेज नहीं है, जिसमें कार-स्कूटी की टक्कर या एक्सीडेंट दिख रहा हो।

अचानक निधि आई सामने

घटना के घंटो बाद मंगलवार को एक युवती निधि सामने आई औक दावा किया कि हादसे के वक्त वह स्कूटी चला रही थी और डर के मारे अभी भी चुप थी। निधि ने दावा किया कि मारी गई लड़की उसकी सहेली थी और स्कूटी के कार से टकराने के बाद वह कार के नीचे फंस गई थी।

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