देश इस समय कोरोना की दूसरी लहर से पीड़ित है। इस बीच ब्लैक फंगस ने भी धावा बोल दिया है। वहीं विशेषज्ञों ने नवंबर – डिसंबर माह में तीसरी लहर की भी चेतावनी दी है। इस मुश्किल को ध्यान में रखते हुए सरकार अभी से तैयारी कर रही है। बच्चों को वैक्सीन लगाने की योजना बना रही है। खबर है कि, बच्चों के लिए वैक्सीन परीक्षण को भारत बायोटेक जून तक शुरु कर सकता है।

रविवार को कंपनी के बिजनेस डेवलपमेंट एंड इंटरनेशनल एडवोकेसी हेड डॉ राचेस एला ने इसकी जानकारी दी है। फिक्की लेडीज ऑर्गनाइजेशन (एफएलओ) हैदराबाद के सदस्यों के साथ “ऑल अबाउट वैक्सीन” विषय पर आयोजित एक वर्चुएल मीटिंग के दौरान उन्होंने यह भी कहा कि कंपनी को तीसरी या चौथी तिमाही के अंत तक कोवैक्सिन के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) से मंजूरी मिलने की उम्मीद है।

डॉ. एला ने विश्वास व्यक्त किया कि बच्चों के लिए टीकों को इस वर्ष की तीसरी तिमाही में लाइसेंस मिल सकता है। डॉ एला ने कहा, “हमने पिछले साल उत्पाद विकसित करने पर ध्यान केंद्रित किया था। अब हमारा ध्यान अपनी विनिर्माण क्षमता को बढ़ाने पर है। भारत बायोटेक के बच्चों के टीके के परीक्षण को इस साल की तीसरी तिमाही में लाइसेंस मिल सकता है।” एला ने यह भी कहा कि भारत बायोटेक इस साल के अंत तक कोवैक्सिन की उत्पादन क्षमता को बढ़ाकर 70 करोड़ खुराक कर देगा।

कोरोना की तीसरी लहर से लड़ने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार भी बड़ी तैयारी कर रही है। सीएम योगी आदित्यनाथन  ने 10-15 साल के बच्चों के माता पिता को प्राथमिक तौर पर वैक्सीन लगाने का निर्देश दिया है। वहीं राज्य में अब 75 जिलों में टीकाकरण किया जाएगा।

देश में आज 24 घंटे के भीतर 2,22,315 नए मामले सामने आए हैं वहीं 4,454 मरीजों की मौत हो गई है। इस समय देश में 27,20,0716 एक्टिव केस है। जानकारों का कहना है कि, जुलाई के अंत तक मामले कम हो जाएंगे लेकिन फिर तीसरी लहर आने की संभावना है। राजस्थान में इसका असर अभी से दिख रहा है। राजस्थान के दो जिलों में 600 बच्चों में कोरोना संक्रमण देखा गया है। यही कारण है कि, बच्चों को वैक्सीन लगाने की तैयारी हो रही है।

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