NCERT: “इंडिया बनाम भारत” का मुद्दा रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है। बता दें,नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एनसीईआरटी) द्वारा गठित एक समिति ने सिफारिश की थी। जिसमें किताबों की छपाई फिर से की जाने की मांग हुई थी। समिति द्वारा ‘INDIA’ को बदलकर ‘Bharat’ लिखे जाने की मांग हुई थी। हालांकि इस विषय पर एनसीईआरटी ने अभी कोई फैसला नहीं लिया है। इससे पहले एनसीईआरटी द्वारा 2023 के सत्र के लिए किताबों में बदलाव किया था। इन बदलावों में इतिहास की 12वीं की किताब से मुगलों और 11वीं से उपनिवेशवाद से जुड़े कुछ हिस्सों को हटाया गया था। अब अहम सवाल यह है कि आखिर किताबों में बदलाव क्यों और कैसे किया जाता है।
NCERT: क्यों और कैसे होते हैं बदलाव
राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लागू होने के बाद भारत सरकार ने नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (NCF) नामक एक राष्ट्रीय संचालन समिति बनाई है। राष्ट्रीय स्तर पर पाठ्यक्रमों की रूपरेखा तैयार करने के केंद्र सरकार ने NCF का गठन किया। NCF ही स्कूली शिक्षा में बड़े बदलावों की सिफारिश सरकार से करती है। अब इसी समिति की रिपोर्ट को आधार बनाकर स्कूलों के सिलेबस को तैयार किया जाएगा।
आने वाले समय में न्यू एजुकेशन पॉलिसी-2020 के आधार पर छपी नई किताबों से ही स्कूल के छात्र पढ़ाई करेंगे। इसलिए NCERT द्वारा किताबों के सिलेबस में फेरबदल किया जा रहा है।
बता दें, केंद्र सरकार ने एनसीईआरटी की किताबों में बदलाव करने के लिए प्रत्येक कोर्स के लिए विशेषज्ञों की समिति का गठन किया है। इस समय किताबों में “इंडिया की जगह भारत” का जो विवाद चल रहा है, उसे विशेषज्ञ कमिटी की सिफारिशों से जोड़कर देखा जा रहा है।
इसके अलावा 11वीं और 12वीं के सिलेबस में बदलाव के समय भी इन विशेषज्ञ समितियों पर सवाल खड़े किए गए थे। इसपर एनसीईआरटी पहले भी कह चुकी है कि कोविड के बाद बच्चों पर बोझ कम करने के लिए सिलेबस से कुछ हिस्सों को हटाया गया है। एनसीईआरटी ने विशेषज्ञ पैनल की सिफारिशों के बाद सिलेबस से कुछ हिस्सों को हटा दिया था।
NCF में पहले भी हुए हैं बदलाव
सरकार द्वारा NCF को अभी तक कुल मिलाकर 4 बार (1975, 1988, 2000 और 2005 ) संशोधित किया जा चुका है। बता दें , पिछली शिक्षा नीति 1986 में बनाई गई थी और 1992 में केवल एक बार नीति की समीक्षा की गई थी। एनसीईआरटी ने वर्ष 2004 में भी NCF बदलाव किये थे। तब प्रोफेसर यशपाल की अध्यक्षता में राष्ट्रीय संचालन समिति (NCF) और 21 राष्ट्रीय फोकस समूह बनाये गए थे । जिसके पश्चात राष्ट्रीय स्तर पर स्कूली किताबों में बदलाव हुए थे।
कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि केंद्र में जिस पार्टी की सरकार होती है, वही पार्टी किताबों में बदलाव की प्रक्रिया शुरू करती है। बता दें, वर्ष 2005 में NCERT के सिलेबस में बड़े बदलाव हुए थे तब ‘NCF 2005’ का गठन किया गया था।। इसके अलावा 2017 में एनसीईआरटी ने करीब 182 किताबों और विषयों को अपडेट किया था । सिलेबस में स्वच्छ भारत, डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया जैसे कई विषयों को जोड़ा गया था ।
बता दें कि ‘भारत’ बनाम ‘इंडिया’ पर गहमागहमी की शुरुआत तब हुई जब G20 डिनर के निमंत्रण को “प्रेजिडेंट ऑफ़ इंडिया ” के बजाय “प्रेजिडेंट ऑफ़ भारत ” के नाम से भेज दिया। जिससे राजनीतिक विवाद उत्पन्न हो गया और यह मुद्दा देशभर में चर्चा का विषय बन गया।
मालूम हो कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 1 (1) में हमारे देश का नाम “इंडिया, यानि भारत राज्यों का संघ होगा” बताया गया है।
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