Seema Haider: आजकल पाकिस्तान की सीमा हैदर और भारत के सचिन मीणा की लवस्टोरी ने ठेरों सुर्खियां बटोरी हुई हैं। ऑनलाइन गेम PUBG खेलते-खेलते दोनों एक दूसरे के इश्क में पड़ गए। इसके बाद प्रेम का ऐसा रोग लगा कि सीमा हैदर पहले दुबई फिर नेपाल होते हुए अपने चार बच्चों के साथ भारत में ग्रेटर नोएडा के रबूपुरा गांव पहुंच गई।
इसी बीच जासूसी के आरोपों में घिरी सीमा अब भारत की नागरिकता हासिल करना चाहती हैं और इसके लिए राष्ट्रपति से भारत की नागरिकता देने की मांग भी कर चुकी हैं। यहां सवाल खड़ा होता है कि क्या आसानी से सीमा हैदर को भारत की नागरिकता मिल जाएगी, आइये जानें… किसी को भी नागरिकता दिए जाने को लेकर देश के नियम क्या कहते हैं?
Seema Haider: भारत में कैसे मिलती है नागरिकता?
भारत में नागरिकता देने को लेकर कई नियम हैं। इसे सीमा हैदर के मामले से जोड़कर देखें तो कई पेच हैं। आइए जानते हैं भारत में नागरिकता कैसे मिलती है…
भारतीय से शादी करके: भारत का कोई नागरिक आगर किसी विदेशी महिला से शादी करता है या फिर कोई भारतीय लड़की किसी विदेशी लड़के से शादी करती है तो ऐसे में वो विदेशी लड़की या लड़का भारत में नागरिकता पाने के लिए अर्जी दे सकता है। यहां सीमा हैदर के मामले में ये इसलिए जटिल है क्योंकि वो गैर-कानूनी तरीके से अपने चार बच्चों के साथ भारत में दाखिल हुईं थी। इसके अलावा कानून ये भी कहता है कि इसके लिए सीमा को अपने पहले पति से तलाक लेना होगा फिर कानूनी तरीके से सचिन से शादी करने के बाद ही भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन कर सकती हैं।
रिलीजियस माइनॉरिटी: नागिरकता संशोधन कानून (CAA) कहता है कि अगर आप पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पड़ोसी देश में अल्पसंख्यक यानी रिलीजियस माइनॉरिटी के तौर पर रहे रहे थे, आपको धार्मिक आधार पर प्रताड़ित किया जा रहा था और 31 दिसम्बर 2014 तक भारत में आ गए थे तो भारत की नागरिकता मिल सकती है। सीमा हैदर को इस तरीके से भी नागरिकता पाना आसान नहीं होगा, क्योंकि वो पाकिस्तान में अल्पसंख्यक नहीं थीं।
लम्बे समय तक भारत में रहकर: कोई विदेशी अगर 12 से 14 या उससे अधिक साल से भारत में रह रहा है तो वो भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन दे सकता है। यहां गौर करने वाली बात ये है कि नागरिकता पाने के लिए भारत में आपकी एंट्री कानूनी होनी चाहिए। भारत में सीमा हैदर की एंट्री को गैर-कानूनी बताया गया है, इसलिए उन्हें समय पूरा करने के बाद भी नागरिकता मिल पाना मुश्किल है।
संविधान द्वारा: जब भारत का संविधान लागू किया गया था तो उस समय जो भी लोग भारत में मौजूद थे, उन्हें भारतीय नागरिकता मिली, भले ही उनके पास कोई दस्तावेज थे या नहीं। इसके अलावा भारत में जन्म लेने वालों को जन्मजात नागरिकता मिल जाती है। लेकिन 1 जुलाई 1987 से पहले भारत में जन्में लोगों के लिए नियम आसान थे और इसके बाद जन्में बच्चों के लिए एक शर्त ये भी है कि उनके पैरेंट्स भी भारतीय होने चाहिए। ऐसे में इस विकल्प में भी सीमा हैदर को लेकर कोई गुंजाइश नहीं दिख रही है।
भारत के विस्तार से नागरिकता: इसे आप एक उदाहरण से बेहतर समझ सकते हैं। जब पॉन्डिचेरी भारत का हिस्सा बना तो वहां रहने वाली आबादी भारत की नागरिक बन गई। इसी तरह, अगर कोई क्षेत्र हमारे देश का हिस्सा बन जाता है, तो वहां रहने वाली सभी आबादी हमारे देश का हिस्सा बन जाती है। इस प्रकार नागरिकता के अधिग्रहण को बरकरार रखा जाता है।
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