Akhilesh सरकार में मंत्री रहे खनन माफिया Gayatri Prajapati रेप के आरोप में दोषी करार दिये गये हैं। एमपी-एमएलए कोर्ट ने गायत्री प्रजापति को चित्रकूट की महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म और पीड़िता की नाबालिग बेटी के साथ अश्लील हरकत के आरोपी सहयोगी आशीष शुक्ला और अशोक तिवारी को दोषी ठहराया है। इस मामले में सुनवाई करते हुए विशेष न्यायाधीश पवन कुमार राय सभी दोषियों की सजा का एलान 12 नवंबर को करेंगे।
खनन पट्टा दिलाने के नाम पर पीड़िता के साथ रेप किया
रेप के इस मामले में अदालत ने अन्य आरोपी अमरेंद्र सिंह उर्फ पिंटू सिंह, विकास वर्मा, चंद्रपाल और रुपेश्वर उर्फ रुपेश को बरी कर दिया है। रेप के इस मामले में पीड़िता ने 18 फरवरी, 2017 को लखनऊ के गौतम पल्ली थाने पर रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
उसने आरोप लगाया था कि सपा सरकार में खनन मंत्री रहे गायत्री प्रजापति समेत अन्य नामजद आरोपियों ने उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया और उसकी नाबालिग बेटी के साथ भी दुष्कर्म का प्रयास किया।
एफआईआर के मुताबिक मंत्री गायत्री प्रजापति ने उसे खनन का पट्टा दिलाने के लिए लखनऊ बुलाया। जिसके बाद उस महिला को झांसा देकर मंत्री प्रजापति द्वारा कई जगहों पर उसके साथ रेप किया गया। इस केस में पीड़िता का आरोप है कि उसने घटना की रिपोर्ट उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को सौंपी थी लेकिन यूपी पुलिस के द्वारा इस मामले में कोई कार्रवाई नंही हुई।
जिसके बाद महिला ने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मंत्री गायत्री प्रजापति सहित तमाम अन्य आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश दिया।
मुलायम के बेहद करीबी रहे गायत्री को अखिलेश ने बनाया मंत्री
साढ़े चार वर्ष से कारागार में निरुद्ध प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को गैंगरेप व पॉक्सो एक्ट में दोषी करार दिए जाने से उनके समर्थकों में निराशा है।
गायत्री प्रसाद प्रजापति साल 2012 में सपा के टिकट पर विधायक चुने गए थे। मुलायम सिंह के करीबी रहे गायत्री प्रजापति अखिलेश य़ादव की सरकार में सिंचाई राज्य मंत्री बनाए गए। हालांकि कद बढ़ने के साथ ही बाद में उन्हें खनन मंत्रालय और अंत में परिवहन मंत्रालय का कार्यभार दिया गया था।
अमेठी में अमीता सिंह को हराया था गायत्री प्रजापति ने
रेप का मामला दर्ज होने के बाद यूपी पुलिस ने पहली बार गायत्री प्रजापति को 15 मार्च 2017 को गिरफ्तार किया था। लेकिन पुलिस को उनकी गिरफ्तारी के लिए बहुत पापड़ बेलने पड़े थे। गिरफ्तारी के लिए गायत्री प्रसाद प्रजापति के लखनऊ स्थित आवास विकास के फ्लैट पर तीन बार छापा डाला गया लेकिन वो फरार रहे।
गायत्री प्रसाद प्रजापति उत्तर प्रदेश के अमेठी से सटे परसावां गांव के निवासी हैं। साल 2012 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने सपा के टिकट पर अमेठी विधानसभा क्षेत्र से पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. संजय सिंह की पत्नी और प्रदेश सरकार में मंत्री रहीं अमीता सिंह को पराजित किया था।
मुलायम की सरपरस्ती में तेजी से नाम कमाया गायत्रि प्रजापति ने
अखिलेश के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद पहले उन्हें सिंचाई राज्य मंत्री और बाद में खनन मंत्री बनाया गया। इस दौरान मुलायम सिंह के संरक्षण में गायत्री प्रजापति ने अकूत संपत्ति बनाई।
अखिलेश यादव गायत्री प्रजापति को बेहद नापसंद करते थे लेकिन पिता मुलायम सिंह यादव के मोह में मजबूर अखिलेश ने खनन मंत्री पद से बर्खास्त करने के बाद उन्हें परिवहन मंत्री बनाया।
अखिलेश यादव बेहद नापसंद करते हैं गायत्री प्रजापति को
पिछले विधानसभा चुनाव में भी अखिलेश यादव ने न चाहते हुए भी पिता मुलायम सिह के दबाव में गायत्री प्रजापति को टिकट दिया था। कहते हैं कि गायत्री प्रजापति को मुलायम सिंह के करीब लाने वाले अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव थे।
इसे भी पढ़ें: UP election 2022: शिवपाल यादव का दावा, मुलायम सिंह करेंगे उनका चुनाव प्रचार
मुलायम सिंह ने खुद को बताया केंद्र का किंगमेकर, कहा- 2019 में मेरे बिना नहीं बनेगी सरकार