बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने केंद्र द्वारा कृषि कानूनों को वापस लेने के फैसले का स्वागत किया और आंदोलनरत किसानों को बधाई दी। लालू यादव ने कहा कि सरकार की ओर से किसानों के लिए न जाने क्या-क्या बातें कही गयीं। उन्होंने कहा कि देश पहलवानी से नहीं चलता है। सरकार को विनम्र होना चाहिए।
लालू प्रसाद यादव ने ट्वीट किया, ‘ विश्व के सबसे लंबे,शांतिपूर्ण व लोकतांत्रिक किसान सत्याग्रह के सफल होने पर बधाई। पूँजीपरस्त सरकार व उसके मंत्रियों ने किसानों को आतंकवादी, खालिस्तानी, आढ़तिए, मुट्ठीभर लोग, देशद्रोही इत्यादि कहकर देश की एकता और सौहार्द को खंड-खंड कर बहुसंख्यक श्रमशील आबादी में एक अविश्वास पैदा किया। देश संयम, शालीनता और सहिष्णुता के साथ-साथ विवेकपूर्ण, लोकतांत्रिक और समावेशी निर्णयों से चलता है ना कि पहलवानी से! बहुमत में अहंकार नहीं बल्कि विनम्रता होनी चाहिए।’
तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा
तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने पर प्रधानमंत्री Narendra Modi ने कहा, ”लेकिन इतनी पवित्र बात, पूर्ण रूप से शुद्ध, किसानों के हित की बात, हम अपने प्रयासों के बावजूद कुछ किसानों को समझा नहीं पाए। कृषि अर्थशास्त्रियों ने, वैज्ञानिकों ने, प्रगतिशील किसानों ने भी उन्हें कृषि कानूनों के महत्व को समझाने का भरपूर प्रयास किया। आज मैं आपको, पूरे देश को, ये बताने आया हूं कि हमने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का निर्णय लिया है। इस महीने के अंत में शुरू होने जा रहे संसद सत्र में, हम इन तीनों कृषि कानूनों को Repeal करने की संवैधानिक प्रक्रिया को पूरा कर देंगे।”
सरकार और किसानों के बीच कानूनों को लेकर था गतिरोध
पीएम मोदी ने उन्हीं कानून को वापस लेने की घोषणा की है जिसे लेकर किसान पिछले एक साल से दिल्ली के सिंघू बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर और टिकरी बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे हैं। किसानों और सरकार के बीच 12 दौर की वार्ता हुई, पर कोई हल नहीं निकला।
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