Farm Law: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को तीन कृषि कानून वापस (Government U-Turn) लेने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि आने वाले सत्र में सरकार इसे वापस ले लेगी। नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को एक मजबूत नेता के तौर पर देखा जाता रहा है। उन्हें अपने निर्णयों पर डटे रहने वाला भी माना जाता है। गुजरात (Gujarat) से लेकर दिल्ली तक इतिहास में यह पहली बार हो रहा है जब नरेंद्र मोदी को अपने फैसले को वापस लेना पड़ा है। पांच प्वाइंट में समझे कि इसके पीछे क्या कारण हैं।
- किसानों का आंदोलन: जब से सरकार की तरफ से इस कानून को संसद में लाया गया था विपक्षी दलों और किसानों की तरफ से इसका लगातार विरोध किया जा रहा था। पिछले लगभग एक साल से किसान दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे थे।
- विधानसभा चुनाव: आने वाले समय में उत्तर प्रदेश और पंजाब में विधानसभा चुनाव होने वाले है। इन दोनों ही राज्यों में किसान हमेशा से राजनीति को प्रभावित करते रहे हैं। बीजेपी को चुनाव में नुकसान की आशंका थी। हाल ही में हुए सर्वे में भी बीजेपी को उत्तर प्रदेश में नुकसान की बात कही गयी थी।
- दुनिया भर में बढ़ता दबाव: कृषि कानून के खिलाफ चल रहे आंदोलन को दुनिया भर से समर्थन मिल रहा था। कोरोना संकट के बाद खराब हो चुकी अर्थव्यवस्था में सरकार विश्व समुदाय से रिश्ते खराब नहीं कर सकती थी।
- बीजेपी के नेता ही थे विरोध में: कृषि कानून के विरोध में बीजेपी के ही कई नेता लगातार बयान दे रहे थे। पार्टी के नेता कई मंचों पर सरकार के फैसले की आलोचना कर चुके थे। मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक लगातार सरकार को इस मुद्दे पर घेरते रहे थे।
- अदालत से लग सकता था झटका: सरकार को इस बात का भी अंदेशा था कि अदालत की तरफ से भी सरकार को झटका लग जाए। अगर अदालत इन कानूनों पर सरकार के सोच के विपरित कोई भी बयान देती तो इससे देश भर में सरकार को परेशानी का सामना करना पड़ सकता था।
All 3 farm Law Repealed: कांग्रेस ने कहा- टूट गया अभिमान, जीत गया मेरे देश का किसान