Environment: मॉडल गोशालाओं की तर्ज पर विकसित की जाएंगी दिल्‍ली की गोशालाएं, Bio Gas के साथ कई उत्‍पाद होंगे तैयार

Environment: इस प्रोजेक्‍ट के तहत दिल्ली के नजफगढ़ स्थित खेड़ा डाबर में करीब 24 एकड़ में फैली हरे कृष्णा गोशाला से काम शुरू किया जाएगा। इ

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Environment: दिल्‍ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने राजधानी की गोशालाओं को मॉडल गोशाला के रूप में विकसित करने की बात कही है। इसी क्रम में पहले चरण में नजफगढ़ स्थित हरे कृष्णा गोशाला को विकसित किया जाएगा। भविष्य में भी इसी मॉडल के तहत दिल्ली कि अन्‍य गोशालाओं को भी विकसित किया जाएगा। इन गोशालाओं में गायों के रहने, उनके चारे, इलाज और उनके घूमने की उचित व्यवस्था होगी।

ये गोशालाएं आत्मनिर्भर होंगी और इनका विकास पर्यावरण के अनुकूल किया जाएगा। इसका मकसद गोशालाओं से उत्‍पन्‍न बायोगैस के उत्‍पाद तैयार करना भी है। पशुपालकों से जुड़े लोगों की आय में वृद्धि करने के लिए भी एक उचित अवसर प्रदान करने के साथ ही पर्यावरण संरक्षकों को प्रशिक्षण प्रदान भी किया जाएगा।

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Environment: खेड़ा डाबर में होगी दिल्ली की पहली मॉडल गोशाला

इस प्रोजेक्‍ट के तहत दिल्ली के नजफगढ़ स्थित खेड़ा डाबर में करीब 24 एकड़ में फैली हरे कृष्णा गोशाला से काम शुरू किया जाएगा। इसे दिल्ली के मॉडल गोशाला के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव रखा गया है।विभिन्न कार्य परियोजनाओं के तहत यहां विकास किया जाएगा। यहां 5 मेगावॉट पावर उत्‍पन्‍न करने के साथ मेन एंट्री गेट के सामने आईजीएल की ओर से बायोगैस का प्लांट लगवाया जाएगा।बायोगैस प्लांट के अवशेषों से जैविक खाद एवं अन्‍य उत्‍पाद भी बनाए जाएंगे। मॉडल गोशाला आधुनिक सुविधाओं से लैस होने के साथ ही रोजगार के कई अवसर भी पैदा करेगी।

Environment: बिजली, जैविक खाद और बहुत कुछ मिलेगा मॉडल गोशाला से

दिल्ली की मॉडल गोशाला में सोलर पावर प्लांट और बायो गैस प्लांट भी लगाया जाएगा।इसके साथ ही बायोगैस से निकलने वाले अवशेष से खाद भी बनाई जाएगी।गोशाला के साथ ही एक विशेष सोलर प्‍लांट लगाया जाएगा।जिससे ऊर्जा उत्‍पादन के साथ ही पर्यावरण संरक्षण भी होगा।

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