केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस पर जबर्दस्त हमला बोला है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को साफ करना चाहिए कि क्या कांग्रेस एक मुस्लिम पार्टी है। केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस पर 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले देश को धर्म के आधार पर बांटने का आरोप लगाया। एक उर्दू समाचारपत्र की रिपोर्ट का हवाला देते हुए सीतारमण ने कहा कि राहुल गांधी ने मुस्लिम बुद्धिजीवियों से बातचीत में कहा था कि कांग्रेस एक मुस्लिम पार्टी है। सीतारमण ने कहा कि कांग्रेस नेताओं के बयान हमें 1947 की स्थिति की याद दिलाते हैं, जब धर्म के आधार पर देश का बंटवारा किया गया था। सीतारमण ने आरोप लगाया कि कांग्रेस साम्प्रदायिक विभाजन का खतरनाक खेल खेल रही है और साम्प्रदायिक वैमनस्य पैदा कर रही है। ऐसे में अगर 2019 चुनावों के दौरान अगर कोई साम्प्रदायिक तनाव पैदा होता है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी कांग्रेस पार्टी की होगी ।

उधर, कांग्रेस ने मुस्लिम बुद्धिजीवियों के साथ राहुल की मुलाकात को लेकर सीतारमण के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वह भारत के सभी धर्मों, जातियों और वर्गों की पार्टी है।  फिलहाल कांग्रेस नेताओं का पाकिस्तान का नाम लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोलने का सिलसिला जारी है.. शशि थरूर के ‘हिंदू पाकिस्तांन’ के बाद.. पार्टी के एक और सीनियर नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि मोदी सरकार पाकिस्तान के सैन्य तानाशाह जिया-उल-हक की तरह ही देश में धार्मिक अतिवाद को बढ़ावा दे रही है..

इससे पहले भी दिग्विजय सिंह के हिंदू आतंकवाद के बयान ने कांग्रेस को बैकफुट पर ला दिया था.. यूपीए शासनकाल में उछाला गया हिंदू आतंकवाद का शब्द कांग्रेस पर भारी पड़ गया था.. और 2014 के चुनाव में उसे इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ी थी.. यहां तक कि, हार के बाद जब एंटोनी कमेटी की रिपोर्ट सामने आई.. तो उसमें भी इस बात का जिक्र था.. कि, कांग्रेस की हार में एक बड़ा कारण लोगों के मन में इस बात का बैठ जाना था, कि बहुसंख्यकों के मुकाबले कांग्रेस अल्पसंख्यकों को ज्यादा तरजीह दे रही है.. इसी कड़ी से जोड़कर अगर शशि थरूर के हिंदू पाकिस्तान और दिग्विजय के जियाउलहक वाले बयान को देखा जाए.. तो एक बार फिर सवाल उठता है.. कि, क्या कांग्रेस के सीनियर नेता ही कांग्रेस की लुटिया डुबोने की पटकथा लिख रहे हैं…..और बीजेपी के हाथों में खेल रहें हैं….देखा जाए तो बीजेपी एक बार फिर चुनावों का ऐजेंडा सेट कर रही है और कांग्रेस उसकी जाल में फंसती जा रही है।

—एपीएन ब्यूरो

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