केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल सहित 6 अन्य आप नेताओं पर दायर मानहानि केस मामले में आज पटियाला हाउस कोर्ट ने सभी पर आरोप तय कर दिया है। आरोप तय होने के बाद सभी आरोपी नेताओं को अब मुक़दमे का सामना करना पड़ेगा। हालाँकि आप नेताओं ने इस मामले में अपने ऊपर लगे आरोपों का खंडन किया है और अदालत से ट्रायल की मांग की है। इस मामले की अगली सुनवाई 20 मई को होनी है। जेटली ने मानहानि की अपनी याचिका में केजरीवाल के साथ राघव चड्ढा, कुमार विश्वास, आशुतोष, संजय सिंह और दीपक बाजपेयी से 10 करोड़ रुपए की क्षतिपूर्ति की मांग की थी।

आरोप तय होने के बाद मुकदमा चलाने सम्बंधित कोर्ट का यह फैसला केजरीवाल के लिए मुसीबत साबित हो सकता है। आज से पहले कोर्ट में हुई सुनवाई केजरीवाल की तरफ से पैरवी के लिए पहुंचे वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी ने जेटली से हुई जिरह में कई तीखे सवालों के जरिए हमला बोला था। हालाँकि कोर्ट जेटली के जवाबों से संतुष्ट थी जिसके बाद आज मुकदमा चलाने का फैसला दिया गया है।  

गौरतलब है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के ऑफिस में हुई सीबीआई की छापेमारी के बाद आप नेताओं ने अरुण जेटली पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। केजरीवाल ने दावा किया था उनके ऑफिस में डीडीसीए के कथित घोटालों से जुड़ी फाइल आई थी। जिसे छापेमारी के दौरान सरकार ने सीबीआई के जरिए गायब करा दिया। केजरीवाल के साथ अन्य आप नेताओं ने आरोप लगाया था कि यह घोटाला जेटली के डीडीसीए अध्यक्ष रहते हुआ था। जेटली के खिलाफ 5 दिन तक सोशल मीडिया में कैम्पेन भी चलाया गयाथा। इसके बाद जेटली ने मानहानि का दावा करते हुए आप नेताओं के खिलाफ शिकायत दर्ज कराइ थी। आप नेताओं से पहले पूर्व क्रिकेटर बिशन सिंह बेदी और कीर्ति आजाद ने भी डीडीसीए  में आर्थिक गड़बड़ियों के आरोप लगाए थे। जिसके चलते बाद में आजाद बीजेपी से इस्तीफा भी देना पड़ा था। 

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