Ashoka Pillars: जानिए राष्ट्रीय चिन्ह के बदलाव को लेकर क्या कहता है भारतीय कानून; क्या है अशोक स्तंभ का इतिहास और महत्व?

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Ashoka Pillars: जानिए राष्ट्रीय चिन्ह के बदलाव को लेकर क्या है भारतीय कानून; क्या है अशोक स्तंभ का इतिहास और महत्व
Ashoka Pillars: जानिए राष्ट्रीय चिन्ह के बदलाव को लेकर क्या है भारतीय कानून; क्या है अशोक स्तंभ का इतिहास और महत्व

Ashoka Pillars: 11 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नए संसद भवन में राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ का अनावरण किया। इसके बाद से ही इस प्रतीक को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। दरअसल, विपक्ष आरोप लगा रहा है कि अशोक स्तंभ के डिजाइन के साथ छेड़छाड़ किया गया है। विपक्ष का कहना है कि अशोक स्तंभ पर सिंह की मुद्रा शांत और संयमित प्रतीत होती है इसलिए, आक्रामक और क्रोधित होने के लिए नए आसन की आलोचना की जा रही है। हालांकि, मूर्तिकार ने इस दावे को खारिज कर दिया है लेकिन सोशल मीडिया पर लगातार लोग इसकी आलोचना कर रहे हैं।

Ashoka Stambh
Ashoka Pillars

क्या कहता है कानून?

भारत का राष्ट्रीय चिन्ह, भारतीय राष्ट्रीय चिन्ह अधिनियम 2005 (दुरुपयोग की रोकथाम) से संबंधित है। इस अधिनियम में साल 2007 में संशोधन किया गया था। इस एक्ट के अनुसार राष्ट्रीय प्रतीक आधिकारिक मुहर के रूप में उपयोग करने के लिए अनुसूची में वर्णित है। दरअसल, एक्ट में बताया गया है कि भारत का राष्ट्रीय प्रतीक सारनाथ के Lion Capital of Asoka से प्रेरित होकर बनाया गया है। एक्ट के सेक्शन 6(2)(F) में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि सरकार राष्ट्रीय प्रतीकों की डिजाइन में बदलाव कर सकती है।

Constitution of India
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सेक्शन में कहा गया है कि केन्द्र सरकार जरूरत के अनुसार किसी भी चीज में परिवर्तन कर सकती है। इसके लिए उनको पूर्ण शक्ति हासिल है लेकिन साथ ही इस एक्ट में ये भी लिखा गया है कि केन्द्र सरकार डिजाइन में बदलाव कर सकती है लेकिन पूरा राष्ट्रीय चिन्ह नहीं बदल सकती हैं। दरअसल, सरकार किसी भी कानून में जरूरत के अनुसार परिवर्तन करती है वैसे ही राष्ट्रीय चिन्ह में भी परिवर्तन कर सकती है।

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Ashoka Pillars

Ashoka Pillars का इतिहास

दरअसल, अशोक स्तंभ का इतिहास काफी दिलचस्प है। यह मौर्य वंश के तीसरे शासक सम्राट अशोक से जुड़ा है। सम्राट अशोक बहुत ही शक्तिशाली शासक थे इन्होंने जितने क्षेत्रों में अपना कब्जा किया था उतने क्षेत्रों में अपना स्तंभ लगाया था। कई जगहों पर अशोक के बनवाए स्तंभ मिले हैं जिनमें शेर की आकृति बनी है। लेकिन सारनाथ और सांची में उनके स्तंभ में शेर शांत दिखते हैं जिसको लेकर लोगों का मानना है कि ये दोनों प्रतीक शासक के बौद्ध धर्म स्वीकार करने के बाद बनवाए गए हैं।

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Ashoka Pillars

क्या संदेश देता है Ashoka Pillars

अशोक स्तंभ को 26 अगस्त, 1950 में राष्ट्रीय चिन्ह की उपाधि दी गई है। यह चिन्ह सम्राट अशोक के शांति की नीति को दर्शाता है। इसके चार शेर आत्मविश्वास, शक्ति, साहस और गौरव का प्रतीक है। वहीं इसमें नीचे की तरफ पश्चिमी भाग में बैल, पूर्वी भाग में घोड़ा, दक्षिण में घोड़ा और उत्तर में शेर है। साथ ही बीच में धर्म चक्र है जिसको राष्ट्रीय ध्वज में भी शामिल किया गया है। स्तंभ में नीचे सत्यमेव जयते लिखा गया है जो कि मुंडकोपनिषद का एक सूत्र है, जिसका अर्थ “सत्य की सदैव ही विजय होती है”।

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