टीवी डिबेट में बोले BJP नेता- “गांवों में मोबाइल यूज करने के चलते बढ़ रही महिलाओं के साथ दुष्कर्म की घटनाएं”

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Alok Vats
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Alok Vats: भाजपा नेता आलोक वत्स ने एक टीवी डिबेट में बलात्कार को लेकर कुछ ऐसा बयान दे दिया, जिसका लोगों द्वारा विरोध शुरू हो गया है। टीवी डिबेट के दौरान आलोक वत्स ने कहा कि कैसे छोटे शहरों और गांवों में महिलाएं मोबाइल फोन तक अपनी पहुंच बनाती हैं। इसके बाद वह बाहर जानें की योजना बनाती हैं और उसके बाद उनके साथ दुष्कर्म की घटना होती है। दरअसल, यह बयान लखीमपुर खीरी में बलात्कार की घटना के मुद्दे पर दिया गया है, जहां दो लड़कियों के साथ दुष्कर्म कर हत्या के बाद पेड़ से लटका दिया गया था।

Alok Vats ने कहा कि उन्हें पता है गांवों में मोबाइल क्या काम करता है

वीडियो को तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता साकेत गोखले ने अपलोड किया था और उन्होंने वत्स द्वारा की गई टिप्पणियों पर अपनी बात भी रखी थी। साकेत गोखले ने वीडियो शेयर करते हुए अपने पोस्ट में पूछा कि क्या इस मुद्दे पर भाजपा का यह आधिकारिक रुख है। उन्होंने गुरुवार को, यूपी के लखीमपुर खीरी में कथित रूप से बलात्कार के बाद फांसी पर लटकी मिली दो दलित बहनों के मामले पर चर्चा करते हुए कहा कि, यह भारत के सबसे दूरस्थ गांवों में से एक हैं और उन्हें पता है कि वहां मोबाइल क्या करता है। उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली में बैठे लोगों को यह नहीं पता होगा कि दूरदराज के इलाकों में फोन की पहुंच का क्या असर होता है।

यूजर्स कर रहे विरोध

उन्होंने आगे बताया कि मोबाइल फोन महिलाओं को घर से भागने की योजना बनाने के साथ-साथ बाहर जानें और उनके साथ दुष्कर्म हो ऐसे अवसर देता है। आलोक वत्स द्वारा दिए गए बयानों से ट्विटर यूजर्स तरह तरह की प्रतिक्रिया दे रहे हैं। वहीं कई यूजर्स हैरान भी दिखें कि भाजपा नेता ने वास्तव में मोबाइल फोन के उपयोग करने को बलात्कार का कारण बताया। वहीं कुछ यूजर्स ने यह भी सवाल उठाया कि उन्हें ऐसे बयान देने के बाद पार्टी से बाहर क्यों नहीं निकाला गया।

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बिलकिस बानो मामले में अपराधियों के साथ सहानुभूति की थी व्यक्त

आलोक वत्स महिला अधिकारों के मुद्दों पर अकसर विवादित बयान देते हैं। Alok Vats ने बिलकिस बानो मामले में अपराधियों के साथ सहानुभूति व्यक्त की थी। आलोक ने बिलकिस बानो रेप केस के दोषियों की रिहाई के बारे में बात करते हुए कहा कि उनका मानना ​​है कि 15 साल जेल में बिताने के बाद दोषियों ने बहुत कुछ झेला है। वह पीड़ितों के बजाय अपराधियों के प्रति अपनी सहानुभूति दिखाते हैं।

पीड़ित को दोष देने की मानसिकता देश में एक धारणा रही है। वहीं लखीमपुर में जाति आधारित और लिंग आधारित हिंसा का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले, एक दलित लड़की के बलात्कार के एक और मामले ने देश में काफी हलचल मचाई थी। पैटर्न पर ध्यान देने के बजाय, भाजपा नेता ने मामले में पीड़ितों को दोषी ठहराया।

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