Side Effect: इस समय दिल्ली का तापमान 4 डिग्री सेल्सियस है।घने कोहरे की चादर में लिपटी दिल्ली को अभी ठंड से निजात मिलने के आसार कम हैं।ऐसे में खासतौर से बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा के मरीजों को बेहद सतर्क रहने की जरूरत है।दरअसल ठंड में प्रदूषण और पारा लुढ़कने का सीधा असर अस्थमा के मरीजों पर पड़ता है। ऐसे में हर हाल में रोगियों को अपना बचाव करने की जरूरत है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार सर्दियों के चार महीनों नवंबर, दिसंबर , जनवरी और फरवरी बेहद संवेदनशील रहते हैं। इस दौरान अस्पतालों की ओपीडी में करीब 30 फीसदी तक मरीजों की तादाद बढ़ जाती है।
Side Effect: दमे से भी खतरनाक है ‘काला दमा’
एम्स के डॉक्टर्स के अनुसार दमे से भी बेहद खतरनाक काला दमा होता है।जिसे अक्सर सीओपीडी भी कहते हैं।यह एक प्रकार की क्रॉनिक फेफड़ों की बीमारी है।जिसमें सांस की नलियों में सिकुड़न आती है और मरीज को सांस लेने में तकलीफ होती है। जिसे एम्फायसेमा भी कहते हैं।
जानिए काला दमा के लक्षण
- तेजी से सांस लेना
बलगम के साथ खांसी रहना
चेस्ट में संक्रमण
सीने में जकड़न
लगातार कमजोरी बने रहना
Side Effects: अस्थमा के मरीज क्या करें?
अस्थमा अटैक आने पर बिना देरी किए डॉक्टर के पास जाएं। खड़े होकर लंबी सांस लेना शुरू करें। तंग कपड़े न पहनें, कॉफी, सूप, गरम पानी पीते रहें।ऐसा करने से सांस की नलियां कुछ देर बात लेंगी।डॉक्टर की बातों पर गौर करें।
Side Effects: कैसे करें खुद का बचाव?
- डॉक्टर से रेगुलर चेकअप जरूर करवाएं
- गर्म कपड़े पहनकर रखें, पूरे शरीर को ढककर रखें
- अस्थमा पेशेंट के कमरे में धुआं, धूप का न जलाएं
- घरों के अंदर अंगीठी, हीटर आदि न जलाएं
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