Monkeypox: आंध्र प्रदेश के गुंटूर में 8 वर्षीय लड़के में मंकीपॉक्स के लक्षण देखने को मिले हैं। बीते शनिवार को अधिकारियों ने बताया कि लड़के को गुंटूर के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। कर्नाटक के स्वास्थ्य विभाग ने मंकीपॉक्स का संदिग्ध मामले के बारे में जानकारी दी और बताया कि मंकीपॉक्स संक्रमण के लक्षण वाले एक व्यक्ति को एक निजी अस्पताल में रखा गया है।
न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, गुंटूर के जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सुमैया खान ने कहा कि यह मंकीपॉक्स का एक संदिग्ध मामला है। इस पुष्टि के लिए सैंपल लिए गए हैं और उसे नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, पुणे और सिकंदराबाद के गांधी अस्पताल में भेजा जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल लड़के को आइसोलेट किया गया है और उसका इलाज विशेष वार्ड में किया जा रहा है।
कर्नाटक में Monkeypox का मामला सामने आया
बता दें कि मंकीपॉक्स मरीज इथियोपिया का नागरिक है।कर्नाटक के स्वास्थ्य आयुक्त डी. रणदीप ने एक बयान में कहा कि इथियोपिया का नागरिक गुर्दा प्रतिरोपण के लिए 4 जुलाई को अदिस अबाबा से बेंगलुरु आया था जो एस्टर सीएमआई अस्पताल में भर्ती हुआ था। 25 जुलाई को मरीज के बाएं हाथ में लाल-लाल चकत्ता देखने को मिला और उनमें खुजली भी हो रही थी। मंगलवार तक मरीज के पूरे शरीर में फैलने लगा और खुजली के दौरान खून आ रहा था।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा Monkeypox से घबराने की जरूरत नहीं है
कर्नाटक के स्वास्थ्य आयुक्त ने कहा कि मरीज शनिवार को डायलिसिस के लिए आया तो चिकित्सकों ने चकत्तों को देखने के बाद इसे मंकीपॉक्स का संदिग्ध मामला पाया। उन्होंने कहा कि 27 जुलाई की रात तक मरीज के संपर्क में सात लोग आए थे। उन्होंने बताया कि मरीज के साथ उसके दो रिश्तेदार भी भारत आए हुए हैं। इस बीच, स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि यह कोई जानलेवा बीमारी नहीं है। हालांकि, हमें एहतियात बरतने की जरूरत है। यह जानलेवा वायरस नहीं है। मौत की आशंका बेहद कम होती है।
भारत में अब तक चार Monkeypox के मामले मिले
बता दें कि भारत में अब तक मंकीपॉक्स के चार मामले सामने आए हैं, जिनमें से तीन मामले केरल से हैं और एक दिल्ली से है। इसके बाद से केंद्र सरकार अलर्ट पर है। इसी बीच कुछ अन्य देशों में भी संक्रमण की संख्या बढ़ गई है। नीति आयोग के स्वास्थ्य विभाग के डॉ वी के पॉल ने कहा कि घबराने की बिल्कुल जरूरत नहीं है क्योंकि सरकार ने इस बीमारी को नियंत्रण में रखने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
लेकिन, देश और समाज को सतर्क रहने की जरूरत है। हालांकि, किसी को भी लक्षण दिखने पर समय पर जांच करवा लेनी चाहिए। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, 78 देशों से 18 हजार से अधिक मामले सामने आए हैं।
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