Health News: आजकल की तेजी से बदलती लाइफस्टाइल और भागदौड़ भरी जिंदगी का असर हमारे स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। ऐसे में महिला हो या पुरुष हर किसी को अपने स्वास्थ्य का बेहद ध्यान रखने की जरूरत है।गलत लाइफस्टाइल और तनाव भरी जिंदगी का असर अब फर्टिलिटी में भी पड़ रहा है।स्वास्थ्य विभाग के सर्वे में ये आंकड़े सामने आएं हैं।जिनमें महिला और पुरुष दोनों की फर्टिलिटी कमजोर हो रही है। यानी इनफर्टिलिटी की समस्या पुरुषों में ज्यादा तेजी से बढ़ रही है।
हालांकि इनफर्टिलिटी के कोई भी लक्षण नजर नहीं आते लेकिन फिर भी बेहद जरूरी है कि आप इससे जुड़े टेस्ट करवाएं और इनफर्टिलिटी के कारणों का पता लगाएं।शोधकर्ताओं के अनुसार, पुरुष इनफर्टिलिटी की दर लगभग 23% है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि भारत में पिछले कुछ वर्षों से पुरुष बांझपन कि समस्या बढ़ रही है।
Health News: पुरुष इनफर्टिलिटी के कारण
पुरुष इनफर्टिलिटी के कई कारण हो सकते हैं। मसलन शुक्राणुओं में कमी, शुक्राणु का कम उत्पादन, शुक्राणु असामान्य कार्य में लेकर रुकावट, या शुक्राणु के वितरण मार्ग में रुकावट आदि। जननांग पथ की चोट या संक्रमण के कारण ऐसी कई समस्याएं हो सकती हैं। अन्य बाहरी कारक भी जिम्मेदार होते हैं। जिनमें धूम्रपान, अत्यधिक शराब का सेवन, खराब आहार का सेवन, कम व्यायाम, मोटापा, तनाव और कुछ रसायनों या कीटनाशकों के संपर्क में आना। बीमारियां, चोटें, पुरानी स्वास्थ्य समस्याएं और बदलती जीवनशैली होती हैं।
Health News: पुरुषों में इनफर्टिलिटी के लक्षण
कुछ मामलों में पुरुष समाज में गलतफहमी या शर्मिंदगी के डर से अपने स्वयं के इनफर्टिलिटी टेस्ट करवाने से हिचकिचाते हैं। यही वजह है कि पुरुषों और महिलाओं को अपने प्रजनन स्वास्थ्य के प्रति समान रूप से जागरूक होने की आवश्यकता है। पुरुषों को यौन क्रिया संबंधी समस्याओं का इलाज कराने में संकोच नहीं करना चाहिए।
Health News: पुरुषों में इनफर्टिलिटी के लक्षण
- वीर्य स्खलन में कठिनाई या स्खलन द्रव की कम मात्रा का होना
- यौनेच्छा में कमी, या इरेक्शन बनाए रखने में कठिनाई
- पुरुष के वृषण क्षेत्र में दर्द, सूजन या गांठ जैसी असामान्यताओं का होना
Health News: संयमित दिनचर्या और इलाज से ठीक होगी दिक्कत
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि इनफर्टिलिटी की समस्या से निपटने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। इसमें संयमित दिनचर्या के साथ संतुलित भोजन और व्यायाम करना भी जरूरी है। इसके साथ ही कई डॉक्टरी परामर्श के साथ कुछ टेस्ट भी करवाने होते हैं। जिसमें हार्मोन लेवल ब्लड टेस्ट, जेनेटिक टेस्ट प्रमुख हैं। इस दौरान आपको घबराने की जरूरत नहीं है। कुछ जरूरी बातों और सही इलाज से आप ठीक हो सकते हैं।
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