Pollution:प्रदूषण की समस्या दिनोंदिन बढ़ती ही जा रही है।ऐसे में अब देश के ग्रामीण इलाके भी इससे अछूते नहीं रहे हैं।इस बात की तस्दीक हाल ही में आईआईटी दिल्ली और क्लाईमेट ट्रेंड्स की ओर से जारी एक रिपोर्ट में सामने आई है।आईआईटी दिल्ली ने प्रदूषण की स्थिति के आकलन के लिए एक वर्ग किलोमीटर के दायरे में उपग्रह के आंकड़े एकत्रित किए हैं।इस दायरे में सूक्ष्म कणों पीएम 2.5 की मौजूदगी की जांच की गई।इसके बाद जब क्लाईमेट ट्रेंड्स के विशेषज्ञों ने इनका विश्लेषण किया तो इस नतीजे पर पहुंचे कि ये समस्या शहर ही नहीं बल्कि गांवों में भी गंभीर है।

Pollution: वायु प्रदूषण को नियंत्रित करना जरूरी

Pollution: क्लाईमेट ट्रेंड्स के विशेषज्ञों का कहना है शहरी और ग्रामीण दोनों की क्षेत्रों में पीएम 2.5 की मौजूदगी में थोड़ा ही अंतर देखने को मिला।इससे ये पता चलता है कि दोनों ही जगहों की आबादी स्वास्थ्य जोखिमों का सामना करती हैं। ये शोध लगातार 5 वर्षों यानी 2017 से 22 के बीच किया गया।
ऐसे में विशेषज्ञों का कहना है कि दोनों की स्थानों पर सबसे पहले वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने की सख्त ज़रूरत है। इसके साथ ही अधिक से अधिक पौधरोपण करने से वायु का स्तर काफी हद तक सुधारा जा सकता है।इसी क्रम में केंद्र सरकार की एनकैप योजना को ज्यादा से ज्यादा राज्यों में लागू करने की आवश्यकता है। एनकैप यानी राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम देश के कई राज्यों में लागू करना जरूरी हो गया है।
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