यमुना को प्रदूषित करने पर Delhi Jal Board और Noida Authority खिलाफ एक्‍शन, NGT ने लगाया 150 करोड़ रुपये का जुर्माना

NGT: एनजीटी प्रमुख जस्टिस एसके.गोयल की अगुवाई वाली पीठ ने इस बाबत दिल्‍ली जल बोर्ड और नोएडा प्राधिकरण की अर्जी को खारिज कर दिया।

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NGT: Pollution Over Yamuna
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NGT: यमुना को प्रदूषित किए जाने के मामले में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल यानी एनजीटी ने दिल्‍ली जल बोर्ड और नोएडा प्राधिकरण के खिलाफ कड़ा एक्‍शन लिया है।एनजीटी ने दोनों ही बोर्ड का राहत देने से साफ इंकार करते हुए कार्रवाई की है।इसके तहत एनजीटी ने बीते 3 अगस्‍त के आदेश की समीक्षा करने से इंकार कर दिया है।ऐसे में दिल्‍ली जल बोर्ड और नोएडा प्राधिकरण पर 150 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।एनजीटी प्रमुख जस्टिस एसके.गोयल की अगुवाई वाली पीठ ने इस बाबत दिल्‍ली जल बोर्ड और नोएडा प्राधिकरण की अर्जी को खारिज कर दिया है।एनजीटी ने साफतौर पर कहा कि डीपीसीसी और सीपीसीबी की रिपोर्ट पर गंभीरता से विचार करने के बाद ही जुर्माना लगाने का आदेश दिया है।

NGT: River Yamuna in Delhi.
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NGT: केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास जमा करनी होगी राशि

एनजीटी की ओर से जारी आदेश में इस बात का जिक्र किया गया है कि नोएडा प्राधिकरण को 100 करोड़ रुपये और दिल्‍ली जल बोर्ड का 50 करोड़ रुपये केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास जमा करवाने होंगे। हालांकि जल बोर्ड की ओर से कहा गया कि इस मामले में वह पक्षकार नहीं थे, उनका पक्ष ही नहीं सुना गया है।एनजीटी के आदेशानुसार इस पैसे का इस्‍तेमाल पर्यावरण को हुए नुकसान की भरपाई पर खर्च किया जाएगा।

NGT: लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश

एनजीटी ने उत्‍तर प्रदेश और दिल्‍ली के मुख्‍य सचिव को इस मामले को पूरी गंभीरता से लेने का निर्देश दिया। इसके साथ ही दोनों राज्‍यों के मुख्‍य सचिवों को लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों की पहचान कर तुरंत कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं।इसके साथ ही सीपीसीबी, डीपीसीसी और यूपीपीसीसी के अध्‍यक्ष को एक संयुक्‍त समिति बनाने का निर्देश भी जारी किया है।

NGT:जानिए जुर्माना लगाने की वजह ?

दरअसल एनजीटी में एक रिपोर्ट दी गई थी, जिसमें इस बात का जिक्र था कि नोएडा के 95 बहुमंजिला हाउसिंग सोसाइटी में से सिर्फ 76 में ही एसटीपी हैं। इनमें से ज्‍यादातर तय मानकों के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं। उद्योगों से भी लगातार दूषित जल निकल रहा है।दूसरी तरफ दिल्‍ली जल बोर्ड द्वारा संचालित एसटीपी तय मानकों के अनुसार काम नहीं कर रहे हैं।

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