Kuno National Park: वैसे भारत में वन्य जीवों के लिए और भी कई नेशनल पार्क हैं, लेकिन नामीबिया (Cheetah from Namibia) से लाए गए 8 चीतों के लिए मध्य प्रदेश का कूनो नेशनल पार्क ही चुना गया। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन के अवसर पर आज 17 सितंबर को उन 8 चीतों को एमपी के कूनो नेशनल पार्क में छोड़ दिया। बताया गया कि कई सालों के सर्वेक्षण के बाद यह तय किया गया कि कूनो नेशनल पार्क ही चीतों के लिए सबसे सुरक्षित और उचित जगह है।
Kuno National Park: एमपी, राजस्थान, छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में हुए थे सर्वेक्षण
बता दें कि नामीबिया से एक विशेष विमान से भारत लाए गए 8 चीतों को आज पीएम मोदी ने एमपी के कूनो नेशनल पार्क में छोड़ दिया है। इन 8 चीतों में 5 मादा (Female) और 3 नर (Male) चीते शामिल हैं। लगभग 748 वर्ग किलोमीटर में फैला कूनो नेशनल पार्क अब नामीबिया से आए चीतों का नया ठिकाना बन गया है। मिली जानकारी के अनुसार, साल 2010 और 2012 के बीच छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और गुजरात में 10 साइट्स पर सर्वेक्षण किया गया था। उसके बाद यह निर्णय लिया गया कि चीतों के लिए सबसे उचित और सही जगह मध्य प्रदेश का कूनो नेशनल पार्क ही है।
वहीं, पीएम मोदी ने भी कहा कि चीतों को यहां लाने के पीछे वर्षों की मेहनत है। इसके लिए एक विस्तृत चीता एक्शन प्लान बनाया गया। इसके लिए हमारे वैज्ञानिकों ने लंबी रिसर्च की। साउथ अफ्रीकन और नामीबियाई एक्सपर्ट के साथ चर्चा की। वहां के वैज्ञानिक भारत आए और यहां के वैज्ञानिक नामीबिया गए। पूरे देश में चीतों के लिए वैज्ञानिक सर्वे किए गए। इसके बाद कूनो नेशनल पार्क को चीतों के लिए चुना गया।
Kuno National Park से चीतों के लिए दूसरे जगह शिफ्त हुए 24 गांव
मिली जानकारी के अनुसार, चीतों के लिए जब देश में एमपी के कूनो नेशनल पार्क को चुन लिया गया, तब वहां के 24 गांवों को पार्क क्षेत्र से हटाकर दूसरे जगह शिफ्ट कर दिया गया। बता दें कि चीतों को तेज दौड़ने के लिए काफी जगह की जरूरत होती है, जिसके लिए भी कूनो पार्क सही साबित हुआ। इसके अलावा इस पार्क में ज्यादातर चीतल मिलते हैं, जिनका शिकार करना चीतों को काफी पसंद भी है। बताया गया कि इस पार्क में चितों के लिए सारी व्यवस्थाएं हैं, जिनकी उनको जरूरत है। वहीं, इस पार्क में चीतों के अलावा शेर, तेंदुए भी रहते है। चीतों के आते ही यहां के जंगल का ईको सिस्टम भी अब बदल जाएगा।
2018 में कूनो पार्क को मिला था राष्ट्रीय दर्जा
मध्य प्रदेश के श्योरपुर और मुरैना जिले में कूनो नेशनल पार्क है। यह विंध्याचल पर्वत श्रृंखला पर बसा हुआ है। साल 2018 में इस पार्क को राष्ट्रीय पार्क का दर्जा मिला था।
मध्य प्रदेश का कुनो राष्ट्रीय पार्क को सभी वन्यजीव प्रेमियों और उत्साही लोगों के लिए अच्छा माना गया है। यहां आपको विशाल घास के मैदानों में दर्जनों की संख्या में घास चरते हुए वन्यजीव मिल सकते हैं। यहां के कुछ घास के मैदान तो कान्हा या बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में पाए जाने वाले मैदानों से भी बड़े हैं। यह व्यापक रूप से माना जाता है कि करधई के पेड़, जो यहां अधिक संख्या में पाए जाते हैं, मानसून वर्षा के आगमन से पहले ही वातावरण में नमी की उपस्थिति से ही हरा हो जाते हैं।
यह क्षेत्र जो आज एक राष्ट्रीय उद्यान बन गया है, लगभग 350 वर्ग किलोमीटर के पार्क के रूप में शुरू हुआ था और एक पत्ती के आकार का था जिसके बीचों – बीच में एक रीढ़ की हड्डी की तरह कुनो नदी बहती रही | वहीं, अब इस क्षेत्र में 400 वर्ग किलोमीटर का भाग जोड़ कर इसे कुल 748 वर्ग किलोमीटर का राष्ट्रीय पार्क का दर्जा दे दिया गया है।
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