Environment:पानी हर जीव के लिए बेहद जरूरी है। मानव शरीर का 70 फीसदी हिस्सा पानी से ही बना है। लेकिन पानी पीने से ज्यादा जरूरी है कि किस पात्र में उसे पी रहे हैं।लगातार बढ़ते प्रदूषण में जरूरी है कि जो पानी हम पियें वो साफ हो। वैसे तो बाजार में प्लास्टिक की बोतलें खूब बिकतीं हैं, लेकिन इनमें पानी पीने की बजाय इको फ्रेंडली बोतल का इस्तेमाल जरूरी है।
जिनमें पानी पीना सुरक्षित होने के बाद पर्यावरण को भी किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचता है। आजकल बाजार में कई ऐसे इको फ्रेंडली सामान की भरमार है। जिनसे पर्यावरण को किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचता है।ये ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड में बाजार में उपलब्ध हैं।ये प्लास्टिक के बेहतर विकल्प साबित हो सकते हैं।

Environment: सेहत और पर्यावरण दोनों के लिए बेहतर है ‘तांबा’

पानी को शुद्ध रखने के साथ पेट को भी साफ करने का गुण तांबे में मौजूद होता है। यही वजह है कि पहले जमाने में लोग इसके बर्तनों में जल एकत्रित करते थे। लेकिन आधुनिक समय में इसके इस्तेमाल में आई कमी का असर हम सभी की सेहत पर पड़ा है। अकसर लोगों में पेट की समस्या, कब्ज, एसिडिटी आदि होना आम बात हो गई है।
लोगों की दिक्कत और जरूरतों को ध्यान में रखते हुए बाजार में तांबे की बोतल, फिल्टर से लेकर कलश और बर्तन मिल रहे हैं। ये टिकाऊ होने के साथ ही शरीर के रोग प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत बनाता है। शरीर में आयरन के अवशोषण में मदद करता है। ऐसे में तांबे की बोतल भी प्लास्टिक की बोतल का एक अच्छा विकल्प हो सकता है।इससे पर्यावरण भी सुरक्षित रहता है।
Environment: बढ़ने लगा बांस की बोतलों का चलन

बांस का काम अब बांसुरी तक ही सीमित नहीं रह गया है। इससे निर्मित बोतलों की डिमांड कोविड काल के बाद से मार्केट में बढ़ी है। हालांकि ये बोतलें दुकानों में आसानी से उपलब्ध नहीं होतीं लेकिन अगर आप थोड़ा सा सर्च करें तो इन्हें आप खरीद सकते हैं। बांस की बोतल में पानी पीने से सेहत को भी काफी लाभ होता है।
बांस में मौजूद एंटीमाइक्रोबियल गुणों के कारण इसके अर्क से बैड कोलेस्ट्रॉल को भी काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। डॉक्टर्स के अनुसार इसमें कई ऐसे गुण विद्यमान हैं जो आपकी सेहत को ठीक रखने में मदद कर सकता है।ये पर्यावरण के लिए भी बुरा नहीं है।
Environment: मटके और मिट्टी की बोतलों का करें इस्तेमाल

गर्मी के मौसम अब मटके, सुराही के साथ ही मिट्टी की बोतलें भी आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं। मिट्टी के बर्तन में खाना खाने या पानी पीने से मेटाबॉलिज्म रेट अच्छा होता है।मिट्टी पानी को प्राकृतिक रूप से ठंडा रखने का काम भी करती है। ऐसे में इसका पानी सबसे ज्यादा उपयुक्त माना जाता है।
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