Environment:गार्डन ऑफ फाइव सेंसेज सिर्फ एक पार्क नहीं बल्कि प्रकृति की विभिन्न गतिविधियों का केंद्र बिंदु है। दिल्ली पर्यटन परिवहन विकास निगम द्वारा विकसित इस परियोजना की संकल्पना लोगों को कुदरत के अदभुद नजारे काफी नजदीक से दिखाने के लिए की गई थी।इसे बनाने का मकसद लोगों को योग, ध्यान और सैरसपाटे के साथ बच्चों को पर्यावरण का महत्व बताना भी था।दिल्ली के महरौली के करीब, सैद-उल-अजैब गांव में स्थित ये पार्क 20 एकड़ में फैला हुआ है। फरवरी 2003 में खोले गए पार्क में अरावली की चट्टा, प्रकृति की मूर्तिकला, हर्बल गार्डन के साथ सबसे आकर्षण का केंद्र यहां बना लोटस पोंड है, जोकि बेहद सुंदर है।
Environment:कई जोन में बांटा है पार्क का क्षेत्र
गार्डन को कई जोन में बांटा गया है। मसलन सर्पिलाकार वॉकवे के एक तरफ खास बाग है, जो मुगल गार्डन की तर्ज पर विकसित किया गया है।सीढ़ीनुमा फव्वारों में धीमी गति से बहने वाला पानी की छटा देखते ही बनती है। कुछ फव्वारे वृक्ष, पशु आदि की आकृति पर उकेरे गए हैं।फूलों की झाड़ियों के बीच आ रही महक आपको और भी ज्यादा खुशी देगी।प्रकृति के निकट होने का अहसास भी करवाएगी।
Environment: अरावली के बीच में बनें एम्फीथिएटर का उठाएं आनंद
अरावली के ऊपर बनाए गए पार्क में लोगों के मनोरंजन के लिए खास एम्फीथिएटर की व्यवस्था भी की गई है। करीब 300 लोगों की क्षमता वाले एम्फीथिएटर में कई इवेंट और कार्यशालाएं आयोजित की जाती हैं।इस पार्क की खासियत हर्बल पार्क भी है। जहां नीम, पुदीना, अजवायन, हल्दी,तुलसी से लेकर हर प्रकार की जड़ी-बूटियों की कई किस्में देखने को मिलेंगीं।इसके अलावा अलग-अलग पौधों की लगभग 200 किस्मों को भी यहां पर लगाया गया है।
दिल्ली पर्यटन के अधिकारियों का कहना है कि गार्डन ऑफ फाइव सेंसेज का मतलब ही रंग, सुगंध, बनावट और रूप सभी एक साथ एक प्रेरक गुलदस्ते के तौर पर लोगों को देना है।जो आपके मन को जीवन की सुंदरता के लिए जागृत करता है।प्रकृति की ओर से प्रदान की गई अनुपम भेंट को दृष्टि, ध्वनि, स्पर्श, गंध और स्वाद के उपहार के लिए आभार भी जताता है।
संबंधित खबरें