Electric Vehicles: भारत ने अगले 25 सालों में ऊर्जा में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने का निर्णय लिया है, और इस दिशा में एक बड़ा योगदान परिवहन क्षेत्र से मिलेगा।भारत में अनुमानित कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने के साथ ही वायु प्रदूषण का स्तर भी सुधारना है। इसी क्रम में एथर एनर्जी ने भारत के पर्यावरण और लोगों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर पर काम किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से घोषणा की थी कि भारत में अनुमानित उत्सर्जन में 2030 तक अनुमानित एक बिलियन टन की कमी लाई जाएगी। यह जलवायु में सुधार की ओर एक बड़ा और महत्वाकांक्षी कदम है।
इसी बात को ध्यान में रखते हुए वर्ष 2030 तक 30 फीसदी इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के लक्ष्य तक पहुंचने में भी मदद मिलेगी।मालूम हो कि इस बात का जिक्र कॉप-26 (Climate Meeting) के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी भी कर चुके हें।जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत 2030 तक अपनी 50 प्रतिशत स्थापित बिजली की क्षमता नॉन-फॉसिल ईंधन से प्राप्त करेगा।

Electric Vehicles: एक नई मौन क्रांति
Electric Vehicles: पीएम मोदी ने कहा था कि ‘‘इलेक्ट्रिक वाहनों द्वारा मौन चलने से देश में एक नई मौन क्रांति आ रही है।’’ भारत सरकार इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने वालों को अनेक प्रोत्साहन दे रही है। इन प्रोत्साहनों में वाहन ऋण की कम ब्याज दर, प्रोडक्शन लिंक्ड प्रोत्साहन कार्यक्रम, और इलेक्ट्रिक वाहन के लिए ऋण लेने पर इंकम टैक्स रिफंड, इलेक्ट्रिक वाहन पर सबसे कम जीएसटी दर, और चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर की स्थापना है।
नेशनल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन प्लान और फास्टर एडॉप्शन एंड मैनुफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक वैहिकल्स प्रोग्राम दो महत्वपूर्ण कार्यक्रम हैं, जो पिछले कई सालों से इस सेक्टर को आकार दे रहे हैं। इलेक्ट्रिक वाहन के खरीददारों एवं उत्पादकों को वित्तीय मदद भी दे रहे हैं।डिजिटल नेशनल वैहिकल रजिस्ट्री, वाहन 2022 की डेटा रिपोर्ट के मुताबिक जून में वाहन पर 72,474 इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर रजिस्टर्ड थे, जोकि 2021 के मुकाबले 547 प्रतिशत ज्यादा था।
Electric Vehicles: एथर एनर्जी के को-फाउंडर एवं सीटीओ, स्वप्निल जैन के अनुसार इलेक्ट्रिक वाहन पेट्रोल वाहनों के मुकाबले न केवल परफॉर्मेंस और स्वामित्व में बल्कि पर्यावरण की दृष्टि से भी ज्यादा आधुनिक हैं।
इलेक्ट्रिक वाहन कार्बन उत्सर्जन कम करने की ओर सबसे बड़ी उम्मीद हैं। साल 2030 तक स्वच्छ और हरित लक्ष्य को प्राप्त करने की ओर पहला कदम तेजी से इलेक्ट्रिक वाहन को अपनाया जाना है। भारतीय सड़क परिवहन की बेहतरी के साथ सस्टेनेबल माध्यम पर ध्यान दिया जा रहा है।इसमें इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स की भूमिका महत्वपूर्ण है।
फॉर्च्यून बिजनेस इनसाईट्स एनालिसिस के अनुसार, भारत में इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग साल 2022 में 3.21 बिलियन डॉलर का था, जो 2029 तक बढ़कर 113.99 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। यह 66.52 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर के साथ होगा।
Electric Vehicles:पारंपरिक पेट्रोल वाहनों के मुकाबले बेहतर
Electric Vehicles: एथर एनर्जी ने एक रिप्लेसमेंट बैटरी पैक पेश किया है, जिसके बाद ई-स्कूटर में 2 बैटरी पैक हो गए हैं। जो अपने पूरे जीवन में 110सीसी के पेट्रोल स्कूटर के मुकाबले 35 प्रतिशत कम उत्सर्जन करते हैं।बैटरी पैक जितना ज्यादा खत्म हो चुका होता है, उसके आधार पर इसे रिसाईकल भी किया जा सकता है, या एनर्जी स्टोरेज के काम के लिए उपयोग किया जा सकता है।उनकी बढ़ती लोकप्रियता पारंपरिक पेट्रोल वाहनों के मुकाबले संचालन और रखरखाव की कम लागत भी है।
भारतीय सड़कों के अनुसार डिजाइन
एथर एनर्जी बेहतरीन परफॉर्मेंस और शानदार ट्रैक रिकॉर्ड के साथ सरकारी योजनाओं में सहयोग करता रहा है। एथर बैटरी पैक विभिन्न रास्तों, मौसम, और सड़कों पर 450M+ मील से ज्यादा रेंज के साथ शानदार है। इसका 3.7 kWh का बैटरी पैक अपने लीथियम-आयन सैल और उद्योग में सर्वश्रेष्ठ बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम्स में से एक के साथ साल दर साल शानदार और भरोसेमंद परफॉर्मेंस प्रदान करता है।
ऑटोमोबाइल और सस्टेनेबल एनर्जी उद्योग का बढ़ रहा दायरा

हाल में भारत और अमेरिका के बढ़ते संबंधों में भी सस्टेनेबल एनर्जी उद्योग ने बेहतर काम किया है।यूएस इंडिया स्ट्रेट्जिक एंड पार्टनरशिप फोरम के प्रेसिडेंट, मुकेश अघी ने बताया कि दोनों देश टेक्नॉलॉजी, आर्थिक और भूराजनैतिक क्षेत्र में मिलकर काम कर रहे हैं। इससे विभिन्न क्षेत्रों में अनेक अवसरों के द्वार खुले हैं। ऑटोमोबाइल और सस्टेनेबल एनर्जी उद्योग में भी यही हो रहा है।यही वजह है कि आधुनिक टेक्नॉलॉजी के विशेषज्ञ एवं निवेशक भारत में निवेश करने की योजना बना रहे हैं। ऑटोमोटिव बिजनेस में बड़ा तकनीकी बदलाव हो रहा है। अब इलेक्ट्रिक अपनी क्षमता के कारण पसंदीदा विकल्प बन गया है, जो भविष्य में शहरी यात्रा और शहरों का स्वरूप बदल देगा। उन्होंने कहा कि जल्द ही भविष्य की यात्रा इंटेलिजेंट कारों द्वारा होगी।
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