Delhi News: आज से पूरे देश में गणेश चतुर्थी का पर्व शुरू हो चुका है। सभी भक्त बप्पा को अपने घर लेकर आए हैं। अपने घर में भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना करेंगे और 10 दिन तक इनकी पूजा अर्चना करेंगे। इसके बाद 10वें दिन यानी अनंत चतुर्दशी के दिन बप्पा की मूर्ति का विसर्जन किया जाता है। लेकिन इस साल मूर्ति विसर्जन को लेकर दिल्ली के प्रदूषण कंट्रोल कमेटी ने एक नई गाइडलाइन जारी की है।

Delhi News: एडवाइजरी जारी कर दी चेतावनी
दिल्ली प्रदूषण कंट्रोल कमेटी ने मूर्तियों के विसर्जन को लेकर नई एडवाइजरी जारी की है। इस नई एडवाइजरी के अनुसार भगवान गणेश और मां दुर्गा की मूर्ति विसर्जित करने वालों पर 50 हजार तक का जुर्माना लगाया जाएगा।
Delhi News: कहां होगा मूर्तियों का विसर्जन
डीपीसीसी की ओर से यह भी बताया गया है कि अलग-अलग जिलों में कृत्रिम तालाब बनाए जाएंगे, इन तालाबों में भक्त अपनी मूर्ति का विसर्जन कर सकते हैं। लेकिन इनमें भी केवल मिट्टी से बनी मूर्तियों को विसर्जित किए जाने की अनुमति मिली है, पीओपी से बनी मूर्तियों को विसर्जित करना मना है। एजवाइजरी में साफ लिखा है कि यदि किसी व्यक्ति ने इन नियमों की अवहेलना करने की कोशिश की तो उसे 6 महीने की जेल और जुर्माना देना होगा।

यमुना में मूर्ति विसर्जित करने को लेकर डीपीसीसी ने कहा है कि पीओपी से बनी मूर्तियों में जहरीले रसायन पदार्थों का इस्तेमाल किया जाता है जो कि पानी को दूषित कर देते हैं। साथ ही डीपीसीसी का कहना है कि पीओपी से बनी मूर्तियों पर लगाए जाने वाले रंग, पेंट, जिंक ऑक्साइड, क्रोमियम जैसे खतरनाक पदार्थ होते हैं जो जलीय जीवन को नुकसान पहुंचाते हैं। वहीं, मनुष्यों द्वारा इस पानी के इस्तेमाल से कैंसर, सांस और त्वचा संबंधी रोग होने लगते हैं।

Delhi News: आपको बता दें कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने 2015 में यमुना में मूर्ति विसर्जन पर प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन दिल्ली सरकार ने 2019 में इस संबंध में निर्देश जारी किए थे।
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