राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस को पछाड़ सरकार बनाने जा रही है। राजस्थान ने अपना रिवाज बरकरार रखा है और सत्ता बदली है। बीते 5 साल में गहलोत सरकार के कामकाज को लेकर भी लोगों में नाराजगी थी इसलिए भी लोगों ने बीजेपी को चुना। आइए आपको बताते हैं कि राजस्थान चुनाव में बीजेपी ने क्यों जीत हासिल की।
- मोदी के नेतृत्व ने राज्य नेतृत्व की कमी को पूरा किया : पीएम नरेंद्र मोदी ने राजस्थान विधानसभा चुनाव के अभियान में भारतीय जनता पार्टी का नेतृत्व किया। रैलियों के अलावा, पीएम मोदी ने रोड शो भी किए। चुनाव मोदी के चेहरे पर लड़ा गया।
- बीजेपी ध्रुवीकरण करने में कामयाब रही: जयपुर और बीकानेर में मोदी ने रोड शो किए। जयपुर और बीकानेर काफी समय से सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील रहे। दोनों क्षेत्रों में हाल ही में सांप्रदायिक तनाव की भी सूचना मिली थी। यहां बीजेपी ने अल्पसंख्यक-तुष्टिकरण के मुद्दे को उठा, ध्रुवीकरण किया। दर्जी कन्हैया लाल तेली का सिर काटने का मामला भाजपा द्वारा लगातार उठाया गया। मोदी ने अभियान के दौरान विशेष रूप से सिर काटने की घटना का जिक्र किया।
- राजस्थान में बीजेपी के चुनावी अभियान में कानून-व्यवस्था की विफलताओं का भी जिक्र रहा। बीजेपी ने राजस्थान में महिला सुरक्षा को मुद्दा उठाया। गहलोत सरकार के कार्यकाल में महिलाओं के खिलाफ हुए अपराधों के बारे में जनता को बताया गया।
- लाल डायरी और भ्रष्टाचार:पीएम मोदी ने गहलोत सरकार पर “लाल डायरी” को लेकर हमला बोला। कांग्रेस नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप को भुनाया गया। राजस्थान में पेपर लीक मामले में राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप हैं और ईडी ने वैभव गहलोत को भी फॉरन एक्सचेंज के एक मामले में तलब किया। इसके अलावा गहलोत सरकार के कार्यकाल में राजस्थान लोक सेवा आयोग की 8 परीक्षाओं के पेपर लीक मामले को भी उठाया गया। जिससे युवाओं में आक्रोश दिखा।
- पायलट की अनदेखी: साल 2020 में तत्कालीन डिप्टी सीएम सचिन पायलट मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से नाराज हो गए थे। कांग्रेस ने पार्टी और उसके नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह के लिए पायलट को उपमुख्यमंत्री और राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष के पद से बर्खास्त कर दिया था।