आतंकवाद एक ऐसा मंजर है जिसका मकसद सिर्फ और सिर्फ समाज में हिंसा फैलाना है। आज भारत का पड़ोसी देश पाकिस्तान आतंक से पीड़ित होने के बावजूद अंदर ही अंदर आतंकियों को तैयार कर दूसरे देशों में निर्यात कर रहा है। जिसका परिणाम यह है कि आए दिन आतंकी जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ कर उरी जैसे हमले को अंजाम दे रहे है।

हुआ यूं कि गुरुवार को उत्तरी कश्मीर में एलओसी के निकट कुपवाड़ा के चौकीबल पंजगाम में आतंकियों ने आत्मघाती हमला कर दिया। ऑटोमेटिक हथियारों से लैस करीब आधा दर्जन आतंकी सेना की वर्दी पहनकर सेना के 310 जीआर रेजीमेंट के कैंप में दाखिल हुए। जब तक जवान आतंकियों के इरादे भांप पाते तब तक देर हो चुकी थी। आतंकियों ने ग्रेनेड दागते हुए ऑटोमेटिक हथियारों से अंधाधुंध फायरिंग शुरु कर दी। इस दौरान जवानों ने पोजीशन सँभालते हुए जवाबी कार्यवाही शुरु की जिसमें दो आतंकी ढेर हो गए लेकिन इस जवाबी कार्यवाही के दौरान एक मेजर समेत तीन सैन्यकर्मी शहीद हो गए। वहीं कुछ जवान गंभीर रुप से घायल हो गए हैं जिन्हे उपचार के लिए अस्तपताल में भर्ती कराया गया है। फिलहाल, मुठभेड़ जारी है।

उधर, सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कमान सँभालते ही कई आला अधिकारियों की फेर बदल शुरु कर दी है। इसी क्रम में बुद्धवार को सीएम योगी ने 84 आईएएस और 54 पीसीएस अधिकारियों का तबादला किया।

गुरुवार 27 अप्रैल को एपीएन न्यूज के खास पेशकश मुद्दा में कुपवाड़ा में हुए आत्मघाती हमले और आतकियों को दिए मुंहतोड़ जवाबी कार्यवाही के साथ यूपी में हुए अधिकारियों के तबादले पर खास चर्चा हुई। इस अहम चर्चा में विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल थे। जिनमें गोविंद पंत राजू (सालाहकार संपादक (एपीएन), सुरेंद्र सिंह राजपूत (प्रवक्ता कांग्रेस), नरेंद्र सिंह राणा (प्रवक्ता बीजेपी), अनुराग भदौरिया (प्रवक्ता सपा), प्रफुल्ल बख्सी (रक्षा विशेषज्ञ) व सूर्य प्रताप सिंह (पूर्व आईएएस) शामिल हुए। शो का संचालन एंकर हिमांशु दीक्षित ने किया।

प्रफुल बख्सी ने कहा कि हमारे जवानों में न बहादुरी की कमी है और न जवान जान न्यौछावर करने में पीछे हटते हैं लेकिन ऐसी पॉलिसी का क्या? जब हमपर गोलीबारी शुरु हो तो हम एक्शन लेते हैं। हमें प्रो एक्टिव पॉलिसी की जरुरत है जिससे सरकार अच्छी तरह से अवगत है फिर भी हम विश्वभर में अपनी शांतिपूर्ण छवि बनाने के चक्कर में अपने सैनिकों को कुर्बान करते चले जा रहे हैं।

नरेंद्र सिंह राणा ने कहा कि भारत-पाक की लड़ाई बटवारे के साथ ही शुरु हुई और जब पाक को लगा की वह सीधे तौर पर भारत से युद्ध के माध्यम से नहीं जीत पाएगा तो उसने आतंक का सहारा लेना शुरु कर दिया। आज भारतीय जवानों व सरकार फैसला करने में सक्षम हैं और जरुरत पड़ने पर फिर सर्जिकल स्ट्राईक होनी चाहिए।

सुरेंद्र सिंह राजपूत ने गृहमंत्री पर तंज कसते हुए कहा कि राजनाथ जी ने कहा था कि हम जम्मू कश्मीर के लोगों व जवानों के सुरक्षा के लिए दो साल के अंदर बार्डर पर दिवार बनायेंगे लेकिन आज तीन साल बीतने वाले हैं और उन्होंने कुछ नहीं किया। रही बात यूपी सरकार की तो सवाल कई हैं? लेकिन जवाबदेही कुछ भी नहीं है। आज आगरा में लगभग 250 लोगों ने मिलकर एक थाने को फूंक दिया लेकिन पुलिस कार्यवाही के नाम पर केवल 14 लोगों को गिरफ्तार कर सकी।

अनुराग भदौरिया ने कहा कि पिछले दो सालों में भारत सरकार कश्मीरियों के मन से विश्वास खो चुकी है जिस विश्वास को सर्वप्रथम सरकार को जीतना होगा। यही कारण है कि कश्मीरी दूसरों के बहकावे में आकर आतंकियों की मदद कर रहे हैं। उन्होंने आला अधिकारियों के फेर बदल को लेकर कहा कि तबादले तो होते रहते हैं लेकिन उसका क्या? जब एक महिला को पुलिस स्टेशन में गोली मार दी जाती है और पुलिस 45 मिनट तक कोई कार्यवाही नहीं करती है।

गोविंद पंत राजू ने कहा कि पाकिस्तान को लेकर सरकार को छवि बदलने की जरुरत है। सरकार को ऐसी पॉलिसी की जरुरत है जिसमें जवान अपने बचाव में गोलियां न चलाकर अतंकियों को खदेड़ने के लिए गोलियां चलाए। आज गैर मुल्क द्वारा कश्मीर को लेकर भारत पर दबाव की राजनीति हो रही है।

सूर्य प्रताप सिंह ने कहा कि पिछले साल सैकड़ों जवान शहीद हुए हैं। अब सरकार तय करे कि उसे कश्मीर चाहिए या उसे दान में देना है। अगर कश्मीर चाहिए तो सरकार घाटी में जवानों को पूरी आजादी दें। क्योंकि वहा इतने भारी तादात में सेना के जवानों के नियुक्ति के बावजूद मामला हाथ से निकल रहा है।

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