बीजेपी छोड़कर TMC में अभी हाल ही में शामिल हुए Babul Supriyo ने अपने सांसद पद से इस्तीफा देने के लिए लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से समय मांगा है। बाबुल सुप्रियो ने राजनीति छोड़ने की घोषणा के एक महीने बाद 18 सितंंबर को कोलकाता (Kolkata) में तृणमूल कांग्रेस (TMC) में अभिषेक बनर्जी और डेरेक ओ ब्रायन की मौजूदगी में आधिकारिक रूप से शामिल हुए थे।
बाबुल सुप्रियो ने अगस्त के पहले सप्ताह में कहा था कि वह पद छोड़ने के बाद भी पश्चिम बंगाल (West Bengal) के आसनसोल (Asansol) में संवैधानिक रूप से (सांसद के रूप में) काम करना जारी रखेंगे।
ममता बनर्जी को तानाशाह बताया था
2021 के पश्चिम बंगाल विधान सभा चुनाव में ममता बनर्जी की जीत बाद बाबुल सुप्रियो ने Tweet कर कहा था कि बंगाल के लोगों ने बीजेपी को न चुनकर गलती की है। उन्होंने Tweet किया था , ” न तो मैं ममता बनर्जी को बंगाल में उनकी जीत के लिए बधाई दूंगा और न ही मैं यह कहना चाहता हूं कि मैं लोगों के फैसले का ‘सम्मान’ करता हूं, क्योंकि मुझे ईमानदारी से लगता है कि बंगाल के लोगों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को मौका नहीं देकर ऐतिहासिक गलती की है। इस भ्रष्ट, अक्षम, बेईमान सरकार और एक क्रूर महिला को सत्ता में वापस चुनकर। हां, एक कानून का पालन करने वाले नागरिक के रूप में, मैं एक लोकतांत्रिक देश में लोगों द्वारा लिए गए निर्णय का ‘पालन’ करूंगा.. बस इतना ही !! न कुछ ज्यादा, न कुछ कम !! #BengalDeservesBetter#VotingMamataBackAHistoricMistakeByWB,”
बंगाल विधान सभा चुनाव में हुई थी हार
2021 के पश्चिम बंगाल विधान सभा चुनाव में बाबुल सुप्रियो भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के रूप में टॉलीगंज (विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र) से चुनाव लड़े और 50,000 से अधिक मतों से हार गए। इसके कुछ दिन बाद उन्हें केंद्र सरकार में मंत्री पद से हटा दिया गया था।
2014 के चुनाव से पहले राजनीति में आए थे
हार सुप्रियो मार्च 2014 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे। 2014 के भारतीय आम चुनाव में उन्होंने पश्चिम बंगाल के आसनसोल से डोला सेन को हराया था। उन्हें नरेंद्र मोदी की सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री बनाया गया था और वे सबसे कम उम्र के मंत्री बने थे।
2019 के भारतीय आम चुनाव में, सुप्रियो ने फिर से आसनसोल से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के रूप में मुनमुन सेन को 1.97 लाख वोटों से हराया था, और कुल 6.32 लाख वोट हासिल किए थे। मई 2019 में वह पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री बने थे।
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