
Manish Gupta Murder Case : उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में प्रॉपर्टी डीलर Manish Gupta की हुई संदिग्ध मौत का मामला गरमाता जा रहा है। मनीष गुप्ता की जो पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आई है, उससे हैरान करने वाले खुलासे हुए हैं। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट इस बात की पुष्टि करती है कि मनीष गुप्ता की मौत के पीछे पुलिस द्वारा बर्बरता से की गई पिटाई ही सबसे बड़ा कारण है।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मनीष गुप्ता के शरीर पर चार गंभीर चोट के निशान मिले हैं जबकि सिर में जो गहरी चोट लगी थी, वह उनके लिए जानलेवा साबित हुई। रिपोर्ट में पता चला है कि मनीष गुप्ता के दाहिने हाथ की कलाई पर डंडे से गंभीर चोट लगी थी। इसके अलावा दाहिने हाथ की बांह पर डंडे की पिटाई के निशान भी मिले हैं और बाएं आंख की ऊपरी परत पर भी चोट लगी है। साफ है कि मनीष गुप्ता की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट दिखाती है कि किस तरह उनके साथ बर्बरता की गई और यही पिटाई मौत का कारण बनी।
थाना इंचार्ज जगत नारायण सिंह और सब इंस्पेक्टर अक्षय मिश्रा ने ली थी तलाशी
मनीष गुप्ता की मौत से पहले की तस्वीरें भी सामने आईं हैं, जिसमें पुलिसकर्मी होटल में मनीष और उनके दोस्तों की तलाशी लेते हुए दिखाई दे रहे हैं। होटल के कमरे में रामगढ़ताल थाना इंचार्ज जगत नारायण सिंह और सब इंस्पेक्टर अक्षय मिश्रा होटल के कर्मचारियों के साथ मनीष और उनके दोस्तों की आईडी चेक करते हुए दिख रहे हैं। दूसरी फोटो में मनीष का दोस्त बैग खोलता हुआ दिखाई दे रहा है। दोनों फोटो में मनीष गुप्ता दिखाई दे रहे हैं। इस फोटो के सामने आने के बाद यह साफ हो गया कि जब पुलिस होटल के रूम में घुसी तो मनीष गुप्ता सो रहे थे और ठीक हालत में थे। इसी चेकिंग के दौरान ही मनीष ने अपने एक रिश्तेदार को फोन करके कहा था कि कुछ लोग आ गए हैं, फिर थोड़ी देर बाद मनीष ने कहा था कि पुलिस वाले आ गए हैं और माहौल बिगड़ रहा है।
पत्नी का आरोप, पुलिसकर्मियों ने की थी मनीष की पिटाई
मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी का आरोप है कि चेकिंग के दौरान ही पुलिसकर्मियों ने मनीष की पिटाई की थी, जिसके बाद उनकी मौत हो गई थी। जैसा कि हमने आपको बताया पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मनीष के शरीर पर गहरे चोट के निशान मिले हैं।
पीडि़त परिवार से मिले सीएम योगी
इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की है। कानपुर जिला प्रशासन मनीष की पत्नी सहित आठ लोगों को सीएम योगी से मिलाने ले गया। सीएम योगी ने भ्रष्ट पुलिस अफसरों के खिलाफ फौरन एक्शन लेने का निर्देश दिया है। सीएम योगी ने कहा कि हाल के दिनों में कुछ पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के अवैध गतिविधियों में संलिप्त होने की शिकायतें मिली हैं। यह कतई बर्दाश्त नहीं है। सीएम ने कहा कि पुलिस विभाग में ऐसे लोगों के लिए कोई स्थान नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अति गंभीर अपराधों में लिप्त पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों की जांच के बाद बर्खास्तगी भी होगी।
अखिलेश यादव ने दी 20 लाख रुपये की सहायता
इससे पहले समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने भी आज कानपुर में मनीष गुप्ता के परिजनों से मुलाकात की। अखिलेश ने पीड़ित परिवार को 20 लाख रुपये की आर्थिक मदद भी दी। अखिलेश ने सरकार से मांग की कि पूरे मामले की जांच किसी हाई कोर्ट के सीटिंग जज की निगरानी में कराई जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने हत्या की है, इसमें सीधे-सीधे सरकार की नाकामी है।
पुलिस कर्मियों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज
मनीष गुप्ता की पुलिस पिटाई से मौत के मामले में इंस्पेक्टर सहित छह पुलिस कर्मियों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज करने के बाद पुलिसवालों ने उनकी तलाश शुरू कर दी है। इंस्पेक्टर सहित तीन पुलिस कर्मी नामजद है लिहाजा उन्हें पकड़ने के लिए टीम बनाई गई है। उधर, निलम्बित होने के बाद ही मुकदमा दर्ज होने की आशंका होने पर मंगलवार की दोपहर से ही यह पुलिसवाले अपने गोपनीय ठिकाने पर चले गए हैं। फिलहाल केस को क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर कर दिया गया है।
कौन हैं मनीष गुप्ता
जानकारी के मुताबिक, मृतक मनीष गुप्ता एमबीए पास थे वह पहले प्राइवेट बैंक में मैनेजर पद पर थे। शादी के बाद मनीष और उनकी पत्नी मीनाक्षी नोएडा में जॉब कर रहे थे, लेकिन लॉकडाउन के वक्त दोनों कानपुर आ गए थे। दोनों का एक बेटा है अविराज, जिसकी उम्र चार साल है। मनीष गुप्ता ने चार महीने पहले ही बीजेपी के कार्यक्रमों में जाना शुरू किया था।