Manipur Violence: मणिपुर में पिछले कई दिनों से हिंसा की वजह से राज्य में हालात काफी खराब हैं। मणिपुर में मैतेई समुदाय के अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने को लेकर अब मणिपुर हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। बता दें कि 3 मई को मणिपुर में मैतेई समुदाय को एसटी का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में हिंसा भड़क उठी थी। इस हिंसा में पिछले दो-तीन दिनों में कई लोगों की मारे जाने की खबर सामने आई। वहीं न्यूज एजेंसी के अनुसार, इस हिंसा में अब तक 54 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा 100 से अधिक लोग जख्मी हुए हैं।
Manipur Violence: हाई कोर्ट को फैसले को बीजेपी नेता ने दी चुनौती
Manipur Violence: मणिपुर में मैतेई समुदाय को एसटी का दर्जा दिए जाने को लेकर काफी बवाल देखने को मिल रहा है। यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है। BJP नेता और मणिपुर पर्वत क्षेत्रीय परिषद के अध्यक्ष डिंगांगलुंग गंगमेंइ ने सुप्रीम कोर्ट में हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। उनकी तरफ से दाखिल की गई याचिका में कहा गया कि हाईकोर्ट ने इस समस्या की असली जड़ नहीं समझी है। जिसकी वजह से हाई कोर्ट ने अपने आदेश में बुनियादी गलती की है।
हाई कोर्ट के आदेश ने संवैधानिक प्रक्रिया के उलट दिया है। उनके मुताबिक यह राजनीतिक और सरकार का नीतिगत मुद्दा था। इसमें कोर्ट की कोई भूमिका ही नहीं थी क्योंकि सरकार के आदेश से ये अनुसूचित जनजाति की केंद्रीय सूची में शामिल करवाने की संविधान सम्मत प्रक्रिया में कोर्ट का कोई जिक्र नहीं है। इसके अलावा याचिका में यह भी कहा गया है कि हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद मणिपुर में अशांति हुई है। जिसमें अब तक 52 लोगों की मौत हो चुकी है।
इसके अलावा इस याचिका में मणिपुर हाई कोर्ट के फैसले में तीन कमियों को भी बताया गया है। पहला,हाई कोर्ट ने अपने आदेश में मैतेई समुदाय को अनुसूचित जाति मैं शामिल करने के लिए केंद्र सरकार से सिफारिश करने का निर्देश राज्य सरकार को दिया,हाई कोर्ट को ऐसा नहीं करना चाहिए था। दूसरा हाईकोर्ट ने अपने फैसले में यह निष्कर्ष निकाला कि उनको अनुसूचित जाति में शामिल करने का मामला पिछले 10 वर्षों से लंबित है। तीसरा हाईकोर्ट ने यह निष्कर्ष निकाला कि मैतेई जनजातियां हैं।
Manipur Violence: राज्य में क्यों हो रही है हिंसा?
Manipur Violence: मणिपुर में दो मुद्दों ने राज्य में हिंसा की स्थिति को जन्म दिया। एक है मैतेई समुदाय से जुड़ा हुआ तो दूसरा है जंगल की रक्षा के लिए सीएम बीरेन सिंह के द्वारा उठाया गया कदम। बता दें कि मैतेई समुदाय मणिपुर के पहाड़ी इलाकों में रहता है। समुदाय के लोग काफी सालों से खुद को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मांग कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक, इस समुदाय में ज्यादातर हिन्दू हैं, जो आदिवासी परंपरा को मानते हैं।
राज्य का सबसे प्रभावशाली समुदाय होने के बाद भी यह समाज अनुसूचित जनजाति वर्ग (आदिवासी) में आरक्षण की मांग कर रहा है। राज्य की दूसरी जनजातियां इसका कड़ा विरोध कर रही हैं। हालांकि, विधानसभा चुनवा के दौरान यह मुद्दा खूब उठा था। हाल में जब मैतेई समुदाय ने एसटी में शामिल करने की मांग जोर-शोर से उठाया तो एटीएसयू ने इस विरोध किया। ATSU ने समुदाय को एसटी में शामिल करने की मांग का विरोध करते हुए राज्यभर में रैली का आयोजन किया। इसी रैली के दौरान राज्य के करीब 8 जिलों में हिंसा की आग भड़क गई।
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