Surendran: भारतवंशी आज विश्व के कोने-कोने में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं।इसी क्रम में अब एक नया नाम भी जुड़ गया है।ये नाम है भारतवंशी और केरल के मूल निवासी सुरेंद्रन के .पटेल। जिन्होंने अमेरिका के फोर्ट बेंड काउंटी जज का पद संभाला है। यहां 3 भारतीय ने अमेरिकी डेमोक्रेट्स ने जज के तौर पर शपथ ली।सुरेंद्रन ने अपनी कामयाबी के पीछे अपनी पत्नी का बड़ा हाथ बताया है।जानकारी के अनुसार सुरेंद्रन के पटेल ने 1 जनवरी 2023 को टेक्सास के फोर्ट बेंड काउंटी में 240वें में जिला जज की शपथ ली।

Surendran: कानून के क्षेत्र में रखते हैं 25 वर्ष का अनुभव
कानून के क्षेत्र में करीब 25 वर्ष का अनुभव रखने वाले सुरेंद्रन वर्ष 2009 से टेक्सास में वकालत कर रहे हैं। वे हयूस्टन, सिविल डिस्प्यूट, फैमिली क्राइसिस से लकर क्रिमिनल केस भी देख चुके हैं।
Surendran: बेहद गरीबी में गुजारी जिंदगी
जानकारी के अनुसार सुरेंद्रन के पटेल का जन्म केरल के कासरगोड में एक बेहद गरीब परिवार में हुआ था। परिवार की आमदनी का जरिया दिहाड़ी मजदूरी थी। घर खर्च और पढ़ाई आदि के खर्च उठाने को सुरेंद्रन को भी मजदूरी करनी पड़ी।उन्होंने बीड़ी बनाने वाली फैक्ट्री में काम करना शुरू कर दिया। बीड़ी में तंबाकू भरने और फिर उसे पैक करने के काम में सुरेंद्रन की बहन भी मदद करती थी।इससे परिवार के पालन-पोषण में काफी मदद हो जाती थी।
एक बार उनके जीवन में ऐसा भी दौर आया जब उन्हें 10वीं की पढ़ाई बीच में ही छोड़नी पड़ी थी।हालांकि बाद में उन्होंने दोबारा स्कूल में दाखिला ले लिया। सुरेंद्रन कानून के क्षेत्र में करियर बनाने के बारे में सोचने लगे। कॉलेज में उपस्थिति कम होने के कारण सुरेंद्रन को परीक्षा देने से रोक दिया गया था। जिसके बाद सुरेंद्रन ने अपने प्रोफेसर से अनुरोध किया कि परीक्षा में शामिल होने दें। अगर नंबर अच्छे ना आएं तो मुझे आगे कॉलेज आने से रोक सकते हैं। प्रोफेसर्स ने उन्हें परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दी और सुरेंद्रन ने कॉलेज में टॉप कर दिखाया।
Surendran:सुप्रीम कोर्ट में कर चुके हैं काम
साल 1995 में सुरेंद्रन ने अपनी कानून की डिग्री प्राप्त की। इसके ठीक एक साल बाद केरल के होसदुर्ग में प्रैक्टिस करना शुरू कर दिया।उनके काम ने उन्हें ख्याति दिलाई और लगभग एक दशक के बाद वे नई दिल्ली स्थित सुप्रीम कोर्ट में काम करने लगे। सुरेंद्रन की पत्नी एक नर्स थीं, जिन्हें साल 2007 में अमेरिका के प्रसिद्ध अस्पताल में नौकरी मिल गई, यहां से शुरू हुआ सुरेंद्रन का अमेरिका का सफर शुरू हुआ। सुरेंद्रन अपनी पत्नी और बच्चों के साथ ह्यूस्टन चले गये। हालांकि, तब सुरेंद्रन के पास नौकरी नहीं थी। चूंकि उनकी पत्नी रात की पाली में काम करती थी, इसलिए उन्होंने बेटी की देखभाल की।
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