Bilkis Bano ने इस साल 15 अगस्त को रिहा हुए 11 दोषियों की सजा को चुनौती देते हुए बुधवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। सुप्रीम कोर्ट ने 2002 के सामूहिक बलात्कार मामले में सजा में छूट और दोषियों की रिहाई को चुनौती देने वाली बिलकिस बानो की नई याचिका पर विचार करने पर सहमति जताई है। भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि वह फैसले पर विचार करेंगे। बता दें कि 2002 के गैंगरेप मामले में उम्रकैद की सजा पाने वाले 11 दोषियों की जल्द रिहाई पर देशव्यापी आलोचना हुई थी।
सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई कई याचिकाएं
गुजरात सरकार के फैसले पर सवाल उठाने वाली कई याचिकाएं शीर्ष अदालत में दायर की गईं। बिलकिस बानो के वकील ने बुधवार को सजा में कमी को चुनौती देते हुए एक रिट याचिका दायर की। इससे पहले, अदालत ने 18 अक्टूबर को कहा था कि छूट को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर गुजरात सरकार का जवाब बहुत बड़ा है, जिसमें कई फैसलों का हवाला दिया गया है लेकिन तथ्यात्मक बयान गायब हैं।
Bilkis Bano के साथ हुआ था बलात्कार
इसने याचिकाकर्ताओं को गुजरात सरकार के हलफनामे पर अपनी प्रतिक्रिया दर्ज करने का समय दिया और कहा कि वह मामले की सुनवाई 29 नवंबर को करेगी। बता दें कि गोधरा ट्रेन जलाने की घटना के बाद भड़के दंगों से भागते समय बिलकिस बानो 21 साल की और पांच महीने की गर्भवती थी, जब उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था। मारे गए परिवार के सात सदस्यों में उनकी तीन साल की बेटी भी शामिल थी।
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