G-20 Summit 2022: जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इंडोनेशिया पहुंच गए है। जी20 शिखर सम्मेलन इंडोनेशिया के बाली में 15-16 नवंबर को आयोजित किया जा रहा है। बाली में बीते दिनों 14 नवंबर को पीएम मोदी का भारतीय समुदाय के लोगों द्वारा जोरदार स्वागत किया गया। जिसे देखकर पीएम ने कहा कि मैं इस गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए भारतीय समुदाय का आभारी हूं। उन्होंने लोगों के साथ तस्वीरें और वीडियो भी अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर की।
G-20 Summit 2022: खाद्द और उर्जा सुरक्षा कार्य सत्र में पीएम मोदी ने लिया भाग
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17वें G-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए बाली के अपूर्व केम्पिसंकी होटल पहुंचे। यहां इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने उनका स्वागत किया। जिसके बाद पीएम ने उन्होंने खाद्द और उर्जा सुरक्षा कार्य सत्र में भाग लिया। अपने संबोधन में, उन्होंने खाद्य, उर्वरक और ऊर्जा के लिए लचीला आपूर्ति श्रृंखलाओं की महत्वपूर्णता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि वैश्विक दक्षिण के लिए एक सुचारु ऊर्जा संक्रमण के लिए किफायती वित्त की आवश्यकता है।
खाद की कमी कल का खाद्य संकट है- पीएम
पीएम ने कहा कि आज की खाद की कमी कल का खाद्य संकट है, जिसका समाधान दुनिया के पास नहीं होगा। हमें खाद और खाद्यान्न दोनों की आपूर्ति श्रृंखला को स्थिर और सुनिश्चित बनाए रखने के लिए आपसी समझौता करना चाहिए। 2030 तक, हमारी आधी बिजली नवीकरणीय स्रोतों से उत्पन्न होगी। समावेशी ऊर्जा परिवर्तन के लिए विकासशील देशों को समयबद्ध और किफायती वित्त और प्रौद्योगिकी की सतत आपूर्ति आवश्यक है।
यूक्रेन में युद्धविराम को लेकर रास्ता खोजना होगा- पीएम
पीएम ने यूक्रेन-रूस के बीच जारी तनाव को लेकर कहा कि मैंने बार-बार कहा है कि हमें यूक्रेन में युद्धविराम और कूटनीति के रास्ते पर लौटने का रास्ता खोजना होगा। पिछली सदी में, WWII ने दुनिया में कहर बरपाया। उसके बाद उस समय के नेताओं ने शांति का रास्ता अपनाने का गंभीर प्रयास किया। अब हमारी बारी है।
पीएम के साथ सम्मेलन में विदेश मंत्री एस. जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और G-20 शेरपा अमिताभ कांत भी मौजूद हैं। बैठक से पहले पीएम ने अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन से अनौपचारिक मुलाकात की। बाली के अपूर्व केम्पिसंकी होटल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और अन्य नेता भी मौजूद हैं।
इंडोनेशियाई राष्ट्रपति जोको विडोडो ने अपने संबोधन में कहा कि G-20 की अध्यक्षता के रूप में, इंडोनेशिया ने गहन और व्यापक मतभेदों को पाटने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया है। लेकिन सफलता तभी प्राप्त की जा सकती है जब हम सभी मतभेदों को दूर करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हों।

हमने विश्व व्यवस्था और अंतरराष्ट्रीय कानून का परीक्षण भी देखा। आज दुनिया की निगाहें हमारी बैठक पर टिकी हैं – क्या हम सफल हो पाएंगे या हम असफलताओं की संख्या में एक और वस्तु जोड़ देंगे? मेरे विचार से, G20 को सफल होना चाहिए, असफल नहीं।
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