कांग्रेस द्वारा सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ पेश किए गए महाभियोग प्रस्ताव को राज्यसभा सभापति वेंकैया नायडू ने खारिज कर दिया है। यह प्रस्ताव कांग्रेस के नेतृत्व में 7 पार्टियों द्वारा उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के समक्ष पेश किया गया था। लेकिन उपराष्ट्रपति ने कानूनी सलाह के बाद इस प्रस्ताव यह कहकर खारिज कर दिया है, कि ये महाभियोग राजनीति से प्रेरित था।
सूत्रों के मुताबिक, महाभियोग प्रस्ताव पर 71 सांसदों के दस्तखत थे, जिसमें से सात सांसद रिटायर्ड हो चुके थे। जिस वजह से राज्यसभा सभापति ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया। बताया जा रहा है कि उन्होंने अटॉर्नी जनरल के. के. वेणुगोपाल सहित समस्त संविधानविदों और कानूनी विशेषज्ञों के साथ प्रस्ताव पर विचार-विमर्श करने के बाद ये फैसला लिया।
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— APN न्यूज़ हिंदी (@apnlivehindi) April 23, 2018
अंतिम विकल्प सुप्रीम कोर्ट
मुख्य न्यायधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ पेश किए गए महाभियोग मामले में कांग्रेस की नजरें राज्यसभा सभापति वेंकैया नायडू पर टिकी थी, क्योंकि चीफ जस्टिस के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय राज्यसभा सभापति को ही लेना होता है। लेकिन उनकी तरफ से ये प्रस्ताव खारिज किए जाने के बाद अब कांग्रेस के पास सिर्फ सुप्रीम कोर्ट जाने का विकल्प बचा है।
यात्रा बीच में छोड़ वापस लौटे नायडू
बता दे, शुक्रवार को राजनीतिक दलों से इस बारे में नोटिस मिलने के बाद वेंकैया नायडू चार दिन की छुट्टी पर आंध्र प्रदेश गए थे, लेकिन मामला गंभीर होते देख वह रविवार को ही वापस दिल्ली लौट आए। जिसके बाद सोमवार को उपराष्ट्रपति ने इस बारे में फैसला सुनाया।
राज्यसभा सभापति वेंकैया नायडू ने इस प्रस्ताव को खारिज करते हुए बताया, कि चीफ जस्टिस के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव में किसी भी तरह का मेरिट नहीं हैं। वहीं वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने कहा, कि सभापति के पास मेरिट के आधार पर रिजेक्ट करने का अधिकार नहीं।
7 पार्टियों ने पेश किया प्रस्ताव
बताया जा रहा है कि कांग्रेस ने सीपीएम, सीपीआई, एसपी, बीएसपी, एनसीपी और मुस्लिम लीग के समर्थन का पत्र उपराष्ट्रपति को सौंपा था। लेकिन, बिहार में पार्टी के साथ गठबंधन में शामिल लालू प्रसाद की आरजेडी और पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस उसके इस प्रस्ताव के साथ नहीं नजर आए। दोनों दलों ने महाभियोग को लेकर हुई मीटिंग में भी हिस्सा नहीं लिया था।
कांग्रेस नेता ने साधा निशाना
वहीं इस मामले में कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने उपराष्ट्रपति पर निशाना साधते हुए कहा, कि महाभियोग लाने के लिए 50 सांसदों की जरूरत होती है, जो हमने पूरा किया। राज्यसभा चेयरमैन प्रस्ताव की मेरिट तय नहीं कर सकते हैं। अब ये लड़ाई सीधे तौर पर लोकतंत्र को बचाने वाले और लोकतंत्र को खारिज करने वालों के बीच में हैं।
प्रदीप राय ने पहले ही की थी पुष्टि
वहीं इस बारे में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रदीप राय ने पहले ही बता दिया था, कि यह महाभियोग प्रस्ताव ख़ारिज हो जाएगा।
Constitutional process of impeachment is set in motion with 50 MP’s giving the motion.
RS Chairman can’t adjudge the motion, for he has no mandate to decide the merits of the motion.
This is truly a fight between forces ‘Rejecting Democracy’ & voices ‘Rescuing Democracy’.
1/3— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) April 23, 2018
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वहीं इस बारे में कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा, कि वह इस मुद्दे पर दोपहर 1.30 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। पार्टी का कहना है कि वो इसके लिए पहले से तैयार थी, उसके लिए कोई बड़ा झटका नहीं है।