दिल्ली में सिलिंग के मामले पर सुनवाई करते हुए एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट ने डीडीए को फटकार लगाई है। बुधवार (28 मार्च) को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि डीडीए बेहद दबाव में काम कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने डीडीए को कहा कि आपको दिल्ली के आम लोगों की फिक्र नहीं है, वो आपके लिए कोई मायने नहीं रखते। आपके लिए केवल व्यापारी मायने रखते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने डीडीए पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि जब व्यापारी प्रदर्शन करते हैं तो आप कन्वर्जन चार्ज 89 हजार से घटाकर 17 हजार कर देते हैं, आप इसे जीरो भी कर सके हैं लेकिन उस जनता का क्या ? जो धरना प्रदर्शन नहीं कर सकती है। कोर्ट ने कहा कि अगर कोई हाथों में झंडा उठाए प्रदर्शन नहीं करता तो आपकी नजर में उसके कोई मायने नहीं हैं। कोर्ट ने डीडीए को नसीहत देते हुए कहा कि आपको व्यापारी और आम जनता के बीच संतुलन बनाना चाहिए लेकिन आप ऐसा नहीं कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने डीडीए को साफ कह दिया है कि आप पहले दिल्ली के आम नागरिकों के हित के बारे में सोचें और कदम उठाएं, ना कि व्यापारियों के लिए। सीलिंग की चपेट में आ रहे बैंकों और एटीएम को लेकर भी कोर्ट ने आदेश दिया है कि ऐसे बैंक अपने एटीएम और लॉकर 30 जून से शिफ्ट कर सकते हैं।
पिछली सुनवाई में दिल्ली में सीलिंग के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार की लापरवाही से नाराज़ होकर उस पर 50 हज़ार रुपये का जुर्माना लगाया था। कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा था कि ये नाकारापन नहीं चलेगा, आप हर बार हमें ज़बानी जमाखर्च वाले बयान देकर चले जाते हैं लेकिन हमारे निर्देशों का पालन नहीं करते। कोर्ट ने टिप्पणी की कि सरकार अतिक्रमण को लेकर गंभीर नहीं है इसलिए फोटो, वीडियो वाला एक्शन हलफनामा दाखिल नहीं कर रही है। कोर्ट ने साफ कहा कि सरकार झाड़ियों पर डंडे चलकर ही पल्ला झाड़ रही है और अतिक्रमण करने वाले निचले स्टाफ से सांठगांठ कर फिर काबिज़ हो जाते हैं।