UP Election Result: उत्तर प्रदेश में एक बार फिर से योगी सरकार आ रही है। चुनाव नतीजों में बीजेपी को लगभग 273 सीटों पर बढ़त हासिल है। वहीं समाजवादी पार्टी 119 सीटों पर आगे है। यहां हम आपको उन कारणों के बारे में बताएंगे जिनके चलते बीजेपी को यूपी में इतनी बड़ी जीत हासिल हुई है।
- कृषि कानूनों को वापस लेना बीजेपी के फायदे में रहा
यूपी चुनाव (UP Election Result) से पहले ये कहा जा रहा था कि यूपी में नाराज किसान बीजेपी की किस्मत बदल सकते हैं लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कहा जा सकता है कि मोदी सरकार द्वारा कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला बीजेपी के लिए मुफीद साबित हुआ। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान बड़ी संख्या में किसान आंदोलन में शामिल हुए थे। उम्मीद की जा रही थी कि इस क्षेत्र के लोग बीजेपी के खिलाफ वोट करेंगे लेकिन ऐसा होता नहीं दिखा।
2. सपा-रालोद गठबंधन असरदार नहीं
चुनाव (UP Election Result) के समय कहा जा रहा था कि सपा-रालोद गठबंधन बीजेपी का सूपड़ा साफ कर देगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसके पीछे यह वजह भी मानी जा रही है कि यूपी के लोगों ने इस गठबंधन को पसंद नहीं किया। रालोद के वोटर कई सीटें सपा प्रत्याशियों को दिए जाने से नाराज थे। चुनाव से पहले बीजेपी ने जयंत चौधरी को साथ आने का न्योता दिया था लेकिन जयंत ने इसे स्वाकीर नहीं किया था। इस क्षेत्र में रालोद के वोटर्स ने सपा का उतना साथ नहीं दिया।
3. सेंट्रल यूपी में भी बीजेपी की पकड़
आमतौर पर सेंट्रल यूपी (UP Election Result) को समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता है लेकिन यहां भी कई सीटों पर सेंध लगाने में बीजेपी कामयाब रही। यानी कि विरोधी खेमे को कमजोर करने में बीजेपी कामयाब रही। वहीं सपा को उम्मीद थी कि स्वामी प्रसाद मौर्य जैसे नेताओं को अपनी तरफ लाकर उसे चुनावी फायदा होगा लेकिन ऐसा हुआ नहीं।
4. लखीमपुर खीरी मामले का नहीं दिखा असर
विपक्ष ने इन चुनावों (UP Election Result) में भरपूर कोशिश की थी कि लखीमपुर खीरी में किसानों की मौत के मुद्दे को भुनाया जाए और बीजेपी को सत्ता से दूर किया जाए लेकिन ऐसा नहीं हुआ। यहां तक कि लखीमपुर खीरी सीट पर भी बीजेपी के प्रत्याशी ही आगे बढ़ते नजर आए।
5. अयोध्या में मंदिर निर्माण का मुद्दा बीजेपी ने भुनाया
यूपी (UP Election Result) की सियासत में हमेशा से अयोध्या राजनीति के केंद्र में रही है। ऐसे में डबल इंजन की सरकार के दौरान अयोध्या में मंदिर निर्माण शुरू होना बीजेपी के पक्ष में काम कर गया। हिंदू वोटरों ने राम मंदिर के नाम पर बीजेपी को वोट दिया और बीजेपी की राजनीति पर मुहर लगायी।
6. बीजेपी ने सूबे कि पिछड़े जिलों तक पहुंचाया विकास
मतदान के दौरान बहुत से वोटर्स यह कहते दिखे कि बीजेपी ने उत्तर प्रदेश के पिछड़े जिलों तक विकास पहुंचाने का काम किया है। मसलन कुशीनगर में एयरपोर्ट की शुरूआत करना इत्यादि।
7. माफियाओं पर नकेल कसने पर जनता ने लगाई मुहर
यूपी चुनाव (UP Election Result) के बीच में सीएम योगी की पहचान बुलडोजर बाबा की बन गयी। यानी माफियाओं और बाहुबलियों की अवैध संपत्ति पर कार्रवाई करने को यूपी की जनता ने सही बताया है। इसके अलावा कानून प्रशासन यूपी चुनाव में अहम मुद्दा रहा। बीजेपी लोगों को यह विश्वास दिलाने में कामयाब रही कि अगर सपा सरकार आती है तो सूबे में गुंडागर्दी फिर से बढ़ जाएगी।
8. सरकारी योजनाएं
बीजेपी की जीत में सरकारी योजनाओं को एक अहम किरदार है। चाहे केंद्र की योजनाएं हों या फिर राज्य सरकार की, राज्य की जनता सरकार की योजनाओं से खुुश है। इसलिए उन्होंने योगी सरकार को फिर से चुना। इसमें कोविड के समय में मिलने वाला राशन जैसी योजना लोगों के दिल को छू गयी।
9. कोविड को लेकर योगी सरकार ने जबरदस्त क्राइसिस मैनेजमेंट किया
पिछले साल कोरोना लहर के दौरान गंगा में लाशें तैरती नजर आईं लेकिन इसके बाद भी योगी सरकार ने जबरदस्त क्राइसिस मैनजमेंट किया।
10. योगी- मोदी की जोड़ी का मैजिक
आखिर में यही कहा जा सकता है कि यूपी (UP Election Result) की जनता ने 2017 की तरह 2022 में भी मोदी -योगी ब्रैंड पर मुहर लगाई। जहां नरेंद्र मोदी की बतौर प्रधानमंत्री अपनी लोकप्रियता है और वे वाराणसी से सांसद हैं, वहीं सीएम योगी की अपनी एक अलग लोकप्रियता है जो कि सिर्फ गोरखपुर या पूर्वांचल नहीं बल्कि पूरे यूपी में फैली है।
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