Muslim Law: बिहार में बीजेपी विधायक हरि भूषण ठाकुर बचौल ने विवादित बयान दिया है। बीजेपी विधायक का ये बयान सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। जिसमें वह कह रहे हैं कि वोट का अधिकार मुस्लिमों से छीन लेना चाहिए। दरअसल, हरिभूषण ठाकुर बचौल मीडिया से बात कर रहे थे, इस दौरान उनसे पूछा गया कि एआईएमआईएम विधायक ने मांग की है कि देश में मुस्लिम आबादी को उनकी आबादी के आधार पर अधिकार दिया जाए।
इस बयान पर उन्होंने कहा कि 1947 में धर्म के नाम पर देश का बंटवारा हुआ था। तो मुसलमानों को उनका देश मिल गया था और उन्हें वहां जाना चाहिए था। इसके साथ ही उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि सरकार को मुसलमानों से वोट का अधिकार छीन लेना चाहिए।
आइए यहां हम कुछ ऐसे देश के बारे में बता रहे हैं जहां मुस्लिमों के खिलाफ कई सख्त कानून बनाए गए हैं।

बता दें कि जापान एक ऐसा देश है जो मुसलमानों पर कड़ा नियंत्रण रखता है। दरअसल, जापानी सरकार की राय है कि मुसलमान कट्टरपंथी हैं, इसी वजह से जापान मुस्लिम कानूनों को बदलने के लिए तैयार नहीं हैं।
Muslim Law: जापान में मुस्लिमों को नहीं है ये अधिकार
“जापान एकमात्र ऐसा देश है जो मुसलमानों को नागरिकता नहीं देता”
“जापान में मुसलमानों को स्थायी निवास नहीं दिया जाता है”
“जापान में इस्लाम का प्रचार प्रतिबंधित है”
“जापान विश्वविद्यालय में अरबी या कोई इस्लामी भाषा नहीं सिखाई जाती है”
“जापान दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है जहां इस्लामी देशों में दूतावासों की संख्या नगण्य है”
“मुसलमान जापान में घर किराए पर भी नहीं ले सकते”
Muslim Law: सऊदी अरब में है शरिया कानून
सऊदी अरब में इस्लामी क़ानून शरिया लागू है। सऊदी अरब में लागू शरिया क़ानून के तहत ईशनिंदा करने वाले लोग मुर्तद यानी धर्म को ना मानने वाले घोषित कर दिए जाते हैं जिसकी सज़ा मौत है। 2014 में सऊदी अरब में दहशतगर्दी से निबटने के लिए नया क़ानून बनाया गया जिसके तहत स्पष्ट तौर पर कहा गया था कि नास्तिकता का किसी भी रूप में प्रचार करना और इस्लाम के बुनियादी सिद्धांत जिन पर ये देश स्थापित है उनके बारे में सवाल उठाना दहशतगर्दी में आता है।
डेनमार्क में चेहरा ढकने पर है पाबंदी
बता दें कि यूरोपीय देश डेनमार्क में पूरे चेहरे को ढंकने वाले नक़ाब पर प्रतिबंध है। डेनमार्क यूरोपीय यूनियन के देशों में इस तरह का प्रतिबंध लगाने वाला पहला देश है। इस तरह के प्रतिबंध का असर ज़्यादातर मुसलमान महिलाओं पर होता है जो नक़ाब या बुरका पहनती हैं। प्रतिबंध तोड़ने वालों पर 157 डॉलर यानी करीब साढ़े दस हज़ार रुपये का जुर्माना लगाने का विधान है। दोबारा कानून तोड़ने पर दस गुना ज़्यादा जुर्माना देना होता है।

फ्रांस में है हिजाब पहनने पर रोक
यूरोप महाद्वीप का देश फ्रांस में 2004 से स्कूलों में हिजाब पर प्रतिबंध लगाया गया है। इसके बाद फ्रांस सरकार ने 2011 में सार्वजनिक स्थानों पर चेहरा ढकने पर प्रतिबंध लगाया था। इस देश में यदि कोई किसी महिला को चेहरा ढकने के लिए बाध्य करता है तो उस पर 26 लाख रुपये तक का जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
रूस में भी है चेहरा ढकने पर पर पाबंदी
रूस में हिजाब पहनने पर प्रतिबंध है। रूस ने 2012 में ये प्रतिबंध लगाया था। रूस के इस्लाम कानून के मुताबिक किसी सार्वजनिक जगह पर चेहरा ढकने वाले पर जुर्माना का प्रावधान किया गया है। रूस में इस्लाम अल्पसंख्यक धर्म है। अमेरिकी विदेश विभाग के अनुसार, 2017 में रूस में मुसलमानों की संख्या 14 मिलियन या कुल आबादी का लगभग 10% थी। 2012 में किए गए एक व्यापक सर्वेक्षण के अनुसार, मुसलमान रूस की आबादी का 6.5% थे। हालांकि, सामाजिक अशांति के कारण इस्लामी बहुमत वाले दो संघीय विषयों की आबादी का सर्वेक्षण नहीं किया गया था, जिनकी कुल आबादी लगभग 2 मिलियन थी, अर्थात् चेचन्या और इंगुशेतिया, इस प्रकार मुसलमानों की कुल संख्या थोड़ी अधिक हो सकती है।
ईरान में ईशनिंदा कानून
2012 में ईरान में नए सिरे से लाई गई दंड संहिता में ईशनिंदा के लिए एक नई धारा जोड़ी गई थी। इस नई धारा के तहत धर्म को न मानने वाले और धर्म का अपमान करने वाले लोगों के लिए मौत की सज़ा तय की गई है। नई संहिता की धारा 260 के तहत कोई भी व्यक्ति अगर पैगंबर-ए-इस्लाम या किसी और पैगंबर की निंदा करता है तो उसे मौत की सज़ा दी जाती है।
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