Swami Prasad Maurya: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में श्रम मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट निकल चुका है। दरअसल, एमपीएमलए कोर्ट ने मौर्य को 24 जनवरी को पेश करने का आदेश दिया है। विदित हो कि मौर्य पर सात साल से धार्मिक भावना भड़काने का मुकदमा चल रहा है। उन्होंने बसपा में रहते पूजा न करने को लेकर बयान दिया था।
Swami Prasad Maurya ने मंत्री पद से दिया इस्तीफा
बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य के योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल से इस्तीफे ने सियासी भूचाल ला दिया है। नेता ने आज कहा कि उन्होंने अभी तक “BJP नहीं छोड़ी है और न ही समाजवादी पार्टी में शामिल हुए हैं”। उन्होंने कहा कि वे 14 जनवरी के बाद सपा का दामन थामेंगे। बता दें कि मौर्य पूर्वी उत्तर प्रदेश के पडरौना से भाजपा विधायक हैं।
Swami Prasad Maurya के इस्तीफे ने बीजेपी को दिया जोर का झटका
इससे पहले स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, “मैंने केवल एक मंत्री के रूप में इस्तीफा दिया है। मैं जल्द ही भाजपा छोड़ दूंगा। अभी के लिए, मैं समाजवादी पार्टी में शामिल नहीं हो रहा हूं। ” उन्होंने कहा, “मैंने बीजेपी को खारिज कर दिया है..पीछे जाने का कोई सवाल ही नहीं है।” मौर्य ने दावा किया कि उनके इस्तीफे ने पार्टी को हिलाकर रख दिया है।
उन्होंने दावा किया, “मेरे इस कदम से भाजपा में भूचाल आ गया है।” उन्होंने कहा कि मंत्री और विधायक उनके साथ पार्टी छोड़ देंगे।
बता दें कि मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बसपा) छोड़ने के बाद मौर्य 2016 में भाजपा में शामिल हो गए थे। 22 जून 2016 को, मौर्य ने BSP द्वारा चलाए जा रहे “टिकट के लिए पैसे” सिंडिकेट का आरोप लगाते हुए सभी पार्टी पदों से इस्तीफा दे दिया था, इस दावे को बाद में बसपा सुप्रीमो मायावती ने उसी दिन एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में खारिज कर दिया था।
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