Madhya Pradesh Panchayat Elections: Madhya Pradesh में पंचायत चुनाव को लेकर प्रदेश की सियासत गर्म है। विपक्ष सरकार को पंचायत चुनाव को लेकर लगातार आड़े हाथ ले रहा है। मंगलवार को विधानसभा के सत्र के दौरान ओबीसी आरक्षण को लेकर चर्चा हो रही है। इस दौरान दोनों दलों के बीच खूब तकरार भी हुई। मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि सरकार की नीति हमेशा सामाजिक न्याय की रही है।
इस दौरान नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंंह ने कहा कि जान देना पड़े तो देंगे लेकिन आरक्षण नहीं रुकने देंगे। वहींं कांग्रेस ने आरोप लगाया कि साजिश रच के रोटेशन रोका गया। कमलनाथ ने कहा हमने आरक्षण दिया था। आरक्षण को लेकर दोनों दलों के बीच सदन में बयानबाजी चल रही है और शोर शराबा भी हो रहा है।
बता दें कि ओबीसी आरक्षण को लेकर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा की मांग की थी। विधानसभा अध्यक्ष Girish Gautam ने नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ के प्रस्ताव को स्वीकार किया।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा करने पर सहमति जताई थी। विधानसभा के शीतकालीन सत्र में चर्चा से पहले मंगलवार को कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस ने बैठक भी की। बता दें कि उमा भारती ने भी मुख्यमंत्री से ओबीसी आरक्षण को लेकर समाधान निकालने की बात कही थी।
Madhya Pradesh Panchayat Elections में ओबीसी सीटों पर राेक लगी
Madhya Pradesh Panchayat Elections: मध्यप्रदेश पंचायत चुनाव से जुड़े मामलों पर पिछले हफ्ते शुक्रवार को Supreme Court ने निर्देश दिया था, ”अगर संविधान के अनुरूप चुनाव हो रहे हैं तो कराएं अन्यथा चुनाव रद्द कर दें। राज्य निर्वाचन आयोग पर चुनाव कराने का फैसला छोड़ते हुए कोर्ट ने कहा था कि आयोग खुद निर्णय ले चुनाव कैसे कराए जाएं या नहीं कराए जाएं। वहीं कोर्ट ने ओबीसी सीटों पर राेक लगा दी थी।
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