Saryu Nahar National Project किसानों के लाभ के लिए एक बहुप्रतीक्षित पहल है जिसका उद्घाटन आज उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया जाएगा। इसके उद्घाटन की घोषणा के दौरान, पीएम ने बताया कि सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना पर काम 1978 में शुरू हुआ था लेकिन दशकों तक यह परियोजना कभी पूरी नहीं हुई। पीएम मोदी ने कहा, ‘आपको जानकर हैरानी होगी कि सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना पर 1978 में काम शुरू हुआ था लेकिन दशकों तक यह परियोजना कभी पूरी नहीं हुई। लागत बढ़ी और लोगों की परेशानी भी बढ़ी।”
9,800 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से किया गया है निर्माण
प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार, बजटीय समर्थन की निरंतरता, अंतरविभागीय समन्वय और पर्याप्त निगरानी के अभाव में सरयू नहर परियोजना की नींव 1978 में रखे जाने के बाद भी यह पूरी नहीं हो सकी। सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना का निर्माण कुल 9,800 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से किया गया है, जिसमें से पिछले चार वर्षों में 4,600 करोड़ रुपये से अधिक का प्रावधान किया गया था। इस परियोजना में क्षेत्र के जल संसाधनों का पूर्ण उपयोग सुनिश्चित करने के लिए पांच नदियों – घाघरा, सरयू, राप्ती, बाणगंगा और रोहिणी को आपस में जोड़ना भी शामिल है।
यह परियोजना 14 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि की सिंचाई के लिए जल प्रदान करेगी और 6,200 से अधिक गांवों के लगभग 29 लाख किसानों को लाभान्वित करेगी। इससे पूर्वी उत्तर प्रदेश के नौ जिले बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, सिद्धार्थनगर, बस्ती, संत कबीर नगर, गोरखपुर और महाराजगंज लाभान्वित होंगे। क्षेत्र के किसान, जो परियोजना में देरी के कारण सबसे ज्यादा पीड़ित थे, अब उन्नत सिंचाई क्षमता से लाभान्वित होंगे। पीएमओ ने कहा कि वे अब बड़े पैमाने पर किसान फसल उगाने और क्षेत्र की कृषि क्षमता को बढ़ाने में सक्षम होंगे।
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