CDS Bipin Rawat का तमिलनाडु (Tamil Nadu) के कुन्नूर के पास एक हेलिकॉप्टर (mi 17 v5 helicopter) दुर्घटना में बुधवार को निधन हो गया। इस घटना में उनकी पत्नी सहित अन्य 11 लोगों की भी मौत हो गयी। घटना के बाद उन्हें अस्पताल लेकर जाया गया था। जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। रावत 2020 में सीडीएस बने थे। वो देश के पहले सीडीएस थे।
किस योजना पर काम कर रहे थे Bipin Rawat?

चीन से तनातनी और भविष्य की रक्षा चुनौतियों से लड़ने के लिए जनरल रावत की अगुवाई में अमेरिकी सेनाओं के तर्ज पर भारत में थिएटर कमांड की स्थापना की दिशा में काम चल रहा था। थिएटर कमांड्स का सबसे सही उपयोग युद्ध के दौरान तब होता है जब बात तीनों सेनाओं के बीच समन्वय की होती है। युद्ध के मौके पर तीनों सेनाओं के बीच तालमेल बनाए रखने के लिए ये कमांड बेहद उपयोगी होता है। यहां से बनी रणनीतियों के अनुसार दुश्मन पर अचूक वार करना आसान हो जाता है। यही कारण है कि सेना, वायुसेना और नौसेना को एक साथ लाकर इंटीग्रेटेड थिएटर कमांड बनाने की दिशा में भारत तेजी से आगे बढ़ रहा था।
1979 में भारतीय सेना से जुड़ें थे रावत
जनरल बिपिन रावत का जन्म 16 मार्च 1958 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में हुआ था। बिपिन रावत के पिता भी सेना में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। इनके पिता लक्ष्मण सिंह रावत सेना से लेफ्टिनेंट जनरल के पद से सेवानिवृत्त हुए। रावत ने शुरूआती पढ़ाई देहरादून के कैबरीन हॉल स्कूल से की। उसके बाद उन्होंने शिमला के सेंट एडवर्ड स्कूल से पढ़ाई की और आगे चलकर देहरादून के भारतीय सैन्य अकादमी से सैन्य अधिकारी की ट्रेनिंग ली जहां उन्हें ‘सोर्ड ऑफ़ ऑनर’ दिया गया था। बिपिन रावत ने सेना में अपने करियर की शुरुआत 1979 में 11वीं गोरखा राइफल की पांचवीं बटालियन के साथ मिजोरम में शुरू की थी।
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