Air pollution मामले पर सुनवाई करते हुए आज चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने कहा कि यूपी, पंजाब, हरियाणा दिल्ली जवाब दें कि उन्होंने केंद्र द्वारा दिये गए निर्देशों का पालन किया या नहीं? साथ ही कोर्ट ने केंद्र से भी कहा कि उसे सेंट्रल विस्टा निर्माण पर भी जवाब देना होगा। फिलहाल मामले पर 2 दिसंबर को अगली सुनवाई होगी। आज CJI ने कहा हम संघर्ष कर रहे हैं कि वायु प्रदूषण को कैसे नियंत्रित किया जाए, चाहे वह सेंट्रल विस्टा हो या कुछ और, हमें नहीं लगता कि हम कुछ नहीं जानते, हम भी जानते हैं। CJI ने कहा कि केंद्र को भी जवाब देना होगा। ध्यान भटकाने के लिए कुछ मुद्दों पर ध्यान न दें।
कोर्ट ने राज्यों से पूछे सवाल?
वहीं दिल्ली सरकार की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली सरकार ने हर मजदूर को पांच हजार रुपए दिए हैं। कुल 1.47 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं। जबकि यूपी सरकार की तरफ से कहा गया कि हम प्रदूषण को नियंत्रित कर रहे हैं। CJI ने कहा आप ये बताएं कि केंद्र की तरफ से जो प्रदूषण पर रोक के लिए निर्देश दिए गए हैं उन पर क्या किया गया है? यूपी ने कहा कि हम गुरुवार को इसकी जानकारी दे देंगे। इसके अलावा मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट के द्वारा मजदूरों को पैसा देने के मामले पर यूपी,हरियाणा,पंजाब ने कहा कि हम मजदूरों को काम बंद रहने की वजह से पैसा दे रहे हैं।
‘दिल्ली के प्रति केंद्र की भी जिम्मेदारी’
CJI ने केंद्र के पक्ष रखने पर कहा कि केंद्र के मुताबिक राज्यों को आदेश देने के बावजूद भी कुछ नहीं हो रहा है। हम उन राज्यों को नोटिस जारी कर पूछेंगे कि क्यों निर्देशों को लागू नहीं किया जा रहा है? CJI ने कहा कि यही नहीं दिल्ली के अधिकतर क्षेत्रों की जिम्मेदारी केंद्र की भी है, केंद्र भी यह बताए कि वो क्या कदम उठा रहा है? याचिकाकर्ता के वकील विकास सिंह ने कहा कि निर्माण कार्यों पर रोक के बावजूद भी सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट जारी है,जबकि छोटे प्रोजेक्ट बंद हैं। विकास सिंह ने कहा कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट लोगों के जीवन से ज्यादा कीमती नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारे पास वीडियो है जिनमें साफ देखा जा सकता है कि कैसे उस प्रोजेक्ट से धूल प्रदूषण बढ़ा रही है।
आज SG ने कोर्ट से कहा कि दिल्ली NCR में PNG के अलावा अन्य ईंधन से चलने वाले उद्योगों की मौजूदगी है। डीजल जेन सेट को लेकर केंद्र ने औचक जांच की और पाया कि मॉल आदि में ये सामान्य बिजली के लिए इस्तेमाल हो रहे थे। SG ने कहा कि सभी राज्यों को 6 महीने पहले ही एयर क्वालिटी कंट्रोलिंग कमेटी ने सभी 5 राज्यों को अन्य ईंधन का प्रयोग करने या उन उद्योग धंधों को शिफ्ट करने का निर्देश दिया था। बावजूद इसके राज्यों ने अनुपालन नहीं किया। CJI ने कहा इसके अनुपालन का क्या हुआ? SG ने कहा इसके बारे में जानकारी नहीं है। हम इस बारे में विचार कर रहे हैं कि पालन न करने वालों और संस्थाओं पर जुर्माना लगाया जाए।
याचिकाकर्ता के वकील विकास सिंह ने कहा दिल्ली NCR में कंस्ट्रक्शन पर बैन लगाया गया है लेकिन सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का काम चल रहा है। SG ने कहा कि हमने हलफनामा दाखिल कर दिया है। CJI ने कहा कि आप हलफनामा दाखिल कर देंगे और इतनी जल्दी हम इसको पढ़ पाएंगे। उन्होंने SG से हलफनामे में दाखिल महत्वपूर्ण मुद्दों को बताने को कहा।
CJI ने कोरोना के नए वैरिएंट की बात कही, उन्होंने कहा कि अभी प्रदूषण की समस्या झेल रहे हैं, उसमें कोरोना के नए वैरिएंट की भी समस्या आ गई है। SG ने कहा कि वायरस के लिए हम अलग कदम उठा रहे हैं।
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