Mamta Banerjee 24 नवंबर को प्रधानमंत्री Narendra Modi से मुलाकात करेंगी। पीएम मोदी और सीएम ममता के बीच होने वाली इस बैठक में त्रिपुरा में निकाय चुनाव से BJP कार्यकर्ताओं के द्वारा कथिततौपर पर हुए TMC कार्यकर्ताओं पर हमले और गृह मंत्रालय के द्वारा सीमा सुरक्षा बल (BSF) प्रमुख मुद्दा रहेगा।
त्रिपुरा हिंसा पर खासी नाराज ममता बनर्जी पहले ही कह चुकी हैं कि वहां राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग या अनुच्छेद 355 गायब है? उन्होंने मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि केंद्र सरकार यह बताये कि आखिर इन हमलों के बाद उन्होंने त्रिपुरा सरकार को कितने नोटिस भेजे हैं?
ममता बनर्जी का दिल्ली दौरा विपक्षी एकता से भी जोड़ कर देखा जा रहा है
पश्चिम बंगाल के सीएम ममता बनर्जी के राजधानी दिल्ली के इस दौरे को विपक्षी एकता को बढ़ाने के संदर्भ में भी देखा जा रहा है। ममता बनर्जी इस कवायद में लगी हैं कि विपक्ष मिलकर भाजपा को निशाने पर ले।
इससे पहले त्रिपुरा निकाय चुनाव हिंसा को लेकर 23 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। सुनवाई के बाद टीएमसी के आग्रह को ठुकराते हुए सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव स्थगित करने से मना कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि चुनाव प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। अगर इसे स्थगित किया जाएगा तो एक गलत ट्रेंड शुरू हो जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने त्रिपुरा चुनाव के संदर्भ में निर्वाचन आयोग को कड़े निर्देश दिये
सुप्रीम कोर्ट ने इसे अंतिम विकल्प माना है। कोर्ट ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया था कि वो सुनिश्चित करे कि नगरपालिका चुनाव के बाकी के चरण शांतिपूर्ण और व्यवस्थित ढंग से हों। इसके लिए अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती करे। त्रिपुरा में चुनाव प्रचार 23 नवंबर को समाप्त हो गया। वोटिंग 28 नवंबर को होगी और काउंटिंग 4 दिसंबर को कराई जाएगी।
वहीं त्रिपुरा हिंसा को लेकर YMC के सांसदों ने 22 नवंबर को गृहमंत्रालय के सामने धरना दिया था। TMC सांसद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मिलना चाहते थे, लेकिन गृह मंत्रालय की ओर से सांसदों को समय नहीं दिया गया। हालांकि काफी हो-हल्ला मचने के बाद सांसदों को अमित शाह से मुलाकात का समय दिया गया औऱ उनकी मुलाकात भी हुई। मुलाकात के बाद शाह ने त्रिपुरा हिंसा के मामले में राज्य के मुख्यमंत्री बिप्लब देव से जानकारी मांगी है।
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