कंगना रनौत (Kangana Ranaut) के भीख में मिली आजादी वाले बयान पर भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता निघत अब्बास (Nighat Abbass) ने टिप्पणी की है। सामाजिक कार्यकर्ता निघत अब्बास ने कहा कि इस तरह का बेतुका बयान देकर कंगना रनौत कहां की रानी बनना चाहती हैं। कंगना देश की जनता का अपमान तो कर ही रहीं हैं साथ ही विश्व स्तर पर भारत का नाम बदनाम कर रह हैं। कंगना को देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए।
Nighat Abbass ने कहा माफी मांगो
निघत अब्बास ने 59 सेकेंड का वीडियो ट्विटर पर जारी कर लिखा, कंगना रनौत बनी बेतुके बयानों की QUEEN। निघत वीडियो में कह रही हैं। महात्मा गांधी को देश की जनता ने पिता का दर्जा दिया है। जनता उनसे प्रेरित है। महात्मा गांधी की सोच से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी प्रेरित हैं। उन्हीं महात्मा गाधी के खिलाफ गलत सलत बयान बाजी कर के कंगना कहा की क्वीन बनना चाहती हैं। देश के लिए बलिदान देने वाले स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान कर रही हैं। कंगना रनौत विश्व स्तर पर भारत का नाम बदनाम कर रही हैं।
निघत ने आगे कहा कंगना को इस तरह के बयानों से दूर रहना चाहिए। उन्हें देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए। महात्मा गांधी देश के राष्ट्रपिता थे, हैं और हमेशा रहेंगे।
असल आजादी 2014 में मिली थी
दरअसल कंगना ने Times Now Summit में बात करते हुए कहा था कि वो आजादी, आजादी नहीं थी वह भीख में मिली थी। असल आजादी तो 2014 में मिली है। उन्होंने Times Now की टीवी एंकर नविका कुमार से बात करते हुए कहा था कि, खून हिंदुस्तानी हिंदुस्तानी का नहीं बहना चाहिए, उन्हें पता है..उन्होंने कीमत चुकाई है लेकिन वो आजादी ..आजादी नहीं है वो भीख थी, असल आजादी 2014 में मिली है।
कंगना ने Times Now की टीवी एंकर नविका कुमार से बात करते हुए कहा था कि, खून हिंदुस्तानी हिंदुस्तानी का नहीं बहना चाहिए, उन्हें पता है..उन्होंने कीमत चुकाई है लेकिन वो आजादी ..आजादी नहीं है वो भीख थी, असल आजादी 2014 में मिली है।
खुद का पतन होते देख कंगना ने सोशल मीडिया पर कहा था कि कोई यह साबित कर दे कि आजादी की लड़ाई 1947 में शुरू हुई थी, तो मैं पद्मश्री पुरस्कार वापस कर दूंगी। भीख में मिली आजादी वाले बयान के बाद कंगना रनौत से पद्मश्री पुरस्कार वापस लेने की मांग हो रही थी।
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