कंगना रनौत (Kangana Ranaut) द्वारा भीख में मिली आजादी पर दिए गए बयान को लेकर मामला तूल पकड़ते जा रहा है। मामला ठंडा होने का नाम नहीं ले रहा है। इस मुद्दे पर कंगना रनौत चारों तरफ से घिरी हुई हैं। अब हिंदू- मुस्लिम भी बीच में आ गए हैं। कहा जा राह है कि इस बयान को अगर किसी मुस्लिम ने दिया होता तो वह देशद्रोही कहलाता।
KRK का ट्वीट
सोशल मीडिया पर कंगना रनौत की गिरफ्तारी की मांग हो रही है। कहा जा रहा है देश के स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान करने वाली कंगना को अभी तक गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया है।
अपने बवाली बयान के लिए जाने जानेवाले कमाल आर खान ने कंगना को एक बार फिर घेरा है। उन्होंन ट्वीट कर लिखा कि अगर कोई मुस्लिम देश के स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान करता, आजादी को भीख कहता तो उसे सालों जेल में रहना पड़ता और देशद्रोही कहलाता, तो कंगना रनौत को गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया है।
असल आजादी 2014 में मिली थी
दरअसल कंगना ने Times Now Summit में बात करते हुए कहा था कि वो आजादी, आजादी नहीं थी वह भीख में मिली थी। असल आजादी तो 2014 में मिली है। उन्होंने Times Now की टीवी एंकर नविका कुमार से बात करते हुए कहा था कि, खून हिंदुस्तानी हिंदुस्तानी का नहीं बहना चाहिए, उन्हें पता है..उन्होंने कीमत चुकाई है लेकिन वो आजादी ..आजादी नहीं है वो भीख थी, असल आजादी 2014 में मिली है।
कंगना ने Times Now की टीवी एंकर नविका कुमार से बात करते हुए कहा था कि, खून हिंदुस्तानी हिंदुस्तानी का नहीं बहना चाहिए, उन्हें पता है..उन्होंने कीमत चुकाई है लेकिन वो आजादी ..आजादी नहीं है वो भीख थी, असल आजादी 2014 में मिली है।
कहा साबित करो
कंगना रनौत ने भी सभी के वार को स्वीकार करते हुए कहा कि कोई यह साबित कर दे कि आजादी की लड़ाई 1947 में शुरू हुई थी, तो मैं पद्मश्री पुरस्कार वापस कर दूंगी।
कंगना अक्सर इस तरह का बयान देती रहती हैं। इससे पहले वे खालिस्तानों और पाकिस्तानियों पर हमला कर चुकी हैं। उन्होंने कहा था कि बॉर्डर पर बैठे लोग किसान नहीं बल्कि खालिस्तानी हैं।
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Kangana Ranaut ने कहा- वो आजादी.. आजादी नहीं थी, वो भीख थी, असल आजादी 2014 में मिली