Manish Gupta Murder Case: यूपी के गोरखपुर में व्यापारी मनीष गुप्ता की संदिग्ध मौत के मामले की CBI जांच और ट्रायल ट्रांसफर की मांग के मामले में यूपी सरकार की तरफ से SG तुषार मेहता ने कहा कि बीते 3 नवंबर से CBI मामले की जांच कर रही है। इसलिए अब याचिका का कोई मतलब नहीं रह जाता है।
इसके अलावा SG ने कोर्ट को यह भी बताया कि पीड़िता को उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से नौकरी भी प्रदान कर दी गई है और पुलिस ने मामले से संबंधित आरोपियों को गिरफ्तारी भी कर लिया है।
कोर्ट में याचिकाकर्ता ने कहा, यूपी सरकार जांच में उचित कदम नहीं उठा रही है
वहीं याचिकाकर्ता की तरफ से कोर्ट में कहा गया कि यूपी पुलिस और राज्य सरकार की तरफ़ से जांच को लेकर कोई उचित कदम नहीं उठाया गया है। इसकी वजह से उसे कोर्ट की शरण में आना पड़ा है। साथ ही याचिकाकर्ता ने मामले के ट्रायल को उत्तर प्रदेश के बाहर ट्रांसफर करने की मांग की।
जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से पूछा कि इस केस में ट्रायल को यूपी से बाहर ट्रांसफर किए जाने पर उनकी क्या राय है?
कोर्ट ने यूपी सरकार से पूछा, ट्रायल बाहर होने में उन्हें आपत्ति तो नहीं
इसके जवाब में SG तुषार मेहता ने कहा कि ट्रायल को बाहर काने में उत्तर प्रदेश सरकार को कोई समस्या या आपत्ति नहीं है। केस का ट्रायल कहीं भी ट्रांसफर किया जा सकता है लेकिन चूंकि दिल्ली करीब है इसलिए इस केस को दिल्ली ट्रांसफर करना बेहतर रहेगा।
मामले में सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने गोरखपुर में व्यापारी मनीष गुप्ता की हुई संदिग्ध मौत के मामले चलने वाले ट्रायल को दिल्ली ट्रांसफर करने का आदेश जारी कर दिया।
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